जब से देश में 500 और 1000 रुपये का नोट बैन हुआ है तब से इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों और निचले तबके के लोगों पर हुआ है। दिल्ली नोएडा में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाले लोगों को काम नहीं मिल रहा है और काम मिल भी रहा है तो पैसे नहीं मिल रहे हैं। नतीजतन कई मजदूर दिल्ली-नोएडा छोड़कर अपने-अपने गांव को चले गए हैं। यही आलम छोटे शहरों का भी है। वहां भी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। यूपी के अलीगढ़, मथुरा, आगरा में भी मजदूरों का बुरा हाल है। ऐसे में वो घर की जरूरतें कहां से पूरी करें उनके सामने एक बड़ा सवाल है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक ऐसी ही समस्या से दो-चार हो रहे अलीगढ़ के पूरन शर्मा ने पैसों का जुगाड़ करने के लिए नसबंदी करा ली है। इसके एवज में उसे 2000 रुपये नकद मिले हैं। सरकारी योजना के मुताबिक नसबंदी कराने वाले पुरुषों को 2000 और महिलाओं को 1400 रुपये नकद मिलते हैं। अखबार के मुताबिक नोटबंदी के बाद आगरा, मथुरा और अलीगढ़ में नसबंदी के मामले बढ़ गए हैं। पूरन का कहना है कि उसके पास खाने तक को पैसे नहीं है। इसलिए उसने नसबंदी कराई। पूरन कहता है कि उसकी पत्नी भी ऐसा कर कुछ पैसे चाहती थी लेकिन वो विकलांग है इसलिए ऐसा नहीं कर पाई।
अखबार के मुताबिक, अलीगढ़ में पिछले साल नवंबर में जहां कुल 92 लोगों ने नसबंदी कराई थी, वहीं इस नवंबर में अबतक 176 लोग नसबंदी करवा चुके हैं। यह महीना खत्म होने में अभी भी 4 दिन बाकी हैं। इसी तरह आगरा में भी पिछले नवंबर में जहां 450 लोगों ने नसबंदी करवाई थी, वहीं इस साल नवंबर में अब तक यहां 904 महिलाएं और 9 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जागरुकता की वजह से लोग अब ज्यादा संख्या में नसबंदी कराने आ रहे हैं लेकिन पूरन शर्मा इसे खारिज करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने जागरुकता की वजह से नहीं बल्कि पैसों की किल्लत की वजह से नसबंदी कराई है। बतौर पूरन उसे एक आशा कार्यकर्ता ने इस योजना की जानकारी दी थी और बताया था कि ऐसा कराने से उसे 2000 रुपये हाथ के हाथ मिल जाएंगे। पूरन एक दिहाड़ी मजदूर हैं। उनके परिवार में विकलांग पत्नी के अलावा 3 बच्चे भी हैं। अपने परिवार में वह अकेले कमाने वाले सदस्य हैं। पूरन का कहना है कि पिछले 3 हफ्ते से उन्हें काम नहीं मिल रहा है।
Was in need of money as I was out of job.Heard men were offered Rs 2000 in nearby sterilisation camp,so I decided to undergo it-Puran Sharma pic.twitter.com/FghpkutqyS
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 27, 2016
PSharma came to sterilisation camp organised in Khair with his wife;his wife couldn't be sterilised due to her health conditions-CMO Aligarh pic.twitter.com/IKfueohOeO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 27, 2016