छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर में तहसीलदारों से लेकर पटवारियों तक ने एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनका आरोप है कि एसडीएम अधिकारियों से देसी मुर्गा, मटन और कबूतर की मांग करती हैं। इतना ही नहीं कलेक्टर को भेजी गई चिट्ठी में अधिकारियों ने यहां तक कहा है कि एसडीएम उनसे शॉपिंग बिलों का भुगतान कराती हैं। हालांकि, एसडीएम का साफ कहना है कि शिकायत करने वाले एक तहसीलदार के खिलाफ जांच जारी है। इसलिए उसके साथ मिले अधिकारी जांच प्रभावित करने की कोशिश में हैं।

मामला जशपुरनगर के बगीचा विकासखंड का है। यहां अफसरों और कर्मचारियों ने एसडीएम पर कई और आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि एसडीएम बबली कुजूर चंदा कर के नजराना भी मांगती हैं। इन आरोपों के साथ कलेक्टर को जो चिट्ठी भेजी गई है, उसमें दो तहसीलदारों के साथ तीन आरआई और 30 पटवारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। अधिकारियों ने कलेक्टर से अपील की है कि वे एसडीएम को जिला में अटैच करें और मामले की जांच के साथ ही उन पर कार्रवाई करें।

एसडीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तहसीलदार समेत सभी कर्मचारियों ने कहा कि वे लोगों को प्रताड़ित करती रही हैं। ऐसे में ज्यादातर अधिकारी एसडीएम के इस रवैये से डर के माहौल में काम करने को मजबूर हैं। चिट्ठी के हस्ताक्षरकर्ताओं में तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों के अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।

दूसरी तरफ एसडीएम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि वे बगीचा के तहसीलदार के खिलाफ एक शिकायत की जांच कर रही हैं। इसके बाद आरोपी तहसीलदार टीडी मरकाम ने पटवारी और बाकी अधिकारियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिशन शिकायत की है। उनका मकसद मामले में जांच को प्रभावित करने का है।