छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस ने सोमवार (24 अक्टूबर) को प्रदर्शन किया और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं व राजनेताओं के पुतले जलाए। साल 2011 में ताड़मेटला गांव में 160 घरों को जलाने के मामले में सीबीआई द्वारा पुलिस को जिम्मेदार ठहराए जाने के विरोध में पुलिस ने यह प्रदर्शन किया। राज्य के जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बिजापुर, कोंडगांव, सुकमा और नारायणपुर में सहायक आरक्षकों ने सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर, बेला भाटिया और हिमांशु कुमार, राजनेता सोनी सोरी और मनीष कुंजम के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान कई सहायक आरक्षक वर्दी में भी नजर आए। नंदिनी सुंदर ताड़मेटला केस में याचिकाकर्ता हैं। इस केस में सात विशेष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे हर रोज कठिन परिस्थितियों में लड़ते हैं। लेकिन ये नक्सल समर्थक रोजाना उन पर आरोप लगाते हैं।
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इन सहायक आरक्षकों में से ज्यादातर पहले नक्सली थे जो बाद में एसपीओ बन गए थे। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट के सलवा जुड़ुम और एसपीओ पर बैन लगाने के बाद इन्हें सहायक आरक्षक दस्ते में शामिल किया गया। समस्त सहायक आरक्षक की ओर एक पत्र एसपी को दिया गया। इसमें कहा गया, ”नंदिनी सुंदर, हिमांशु कुमार, बेला भाटिया, सोनी सोरी और मनीष कुंजम नक्सल समर्थक हैं। ये लोग पुलिस को बदनाम करते हैं। ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या हुई। इसके बाद वहां पर ऑपरेशन चलाया गया। उन्होंने कोर्ट को गुमराह किया ताकि नक्सली उनका खजाना भरते रहे। कोंडगांव एसपी संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस पर आरोपों से कांस्टेबल काफी गुस्सा हैं। उन्होंने बताया, ”वे गुस्सा है क्योंकि वे हर रोज नक्सलियों से लड़ने में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। लेकिन सभी तरह के सवालों के जवाब उन्हें देने होते हैं। प्रदर्शन करने वाले सहायक आरक्षक हैं। उन्हें लगता है कि सबसे ज्यादा निशाना उन्हें ही बनाया जाता है। यहां तक कि सीबीआई रिपोर्ट में भी उनका नाम है।”
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दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर ने बताया कि इससे साफ होता है कि राज्य की पुलिस किसी एजेंसी या कोर्ट का सम्मान नहीं करती। उन्होंने कहा, ”इस तरह के वाकये मुझे मनीष कुंजम जैसे लोगों की सुरक्षा को लेकर डराते हैं। मनीष बिना रूके बस्तर के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षा देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे रखा है लेकिन उनके गनमैन के पास बंदूक ही नहीं है। यह काफी खतरनाक है। ”
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