केरल के हिन्दू मंदिर ने हिन्दू- मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है। मंदिर में होने वाले वार्षिक आयोजन में रमजान के रोजों के कारण मुस्लिम समुदाय भाग नहीं ले पाया था जिस कारण मंदिर की ओर से मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा गया था।
जानकारी के अनुसार, केरल के मलप्पुरम जिले के वनियान्नूर में मौजूद श्री महाविष्णु मंदिर के परिसर में 7 अप्रैल को इफ्तार कार्यक्रम रखा गया था जिसमें करीब आस-पड़ोस के 200 मुस्लिम लोग शामिल हुए थे।
इस मौके पर मंदिर समिति के सदस्य एन शशि कुमार ने कहा कि “हमारे मुस्लिम भाई और बहन परंपरागत तौर पर मंदिरों के त्योहारों का हिस्सा रहे हैं। वे इस साल हमारे त्योहार में शामिल नहीं हो पाए थे जिस कारण हमने उनके लिए इफ्तार आयोजित करने का फैसला किया क्योंकि वे रोजों के कारण सामुदायिक दावत में भाग नहीं ले सकते थे। इस कार्यक्रम में शामिल न होने पर मुस्लिम समुदाय ने दुख व्यक्त किया। मंदिर में होने वाले इस आयोजन में कोई भी किसी भी जाति और धर्म से आने के बावजूद एक साथ बैठता है और एक साथ सद्या (केरल का परंपरागत शाकाहारी भोजन) का आनंद लेता है।”
मलप्पुरम जिले के मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित इस प्राचीन मंदिर को कुछ साल पहले जीर्णोद्धार किया गया था। उसके बाद से हर साल 6 अप्रैल को सामुदायिक दावत का आयोजन किया जाता है। इफ्तार कार्यक्रम में इमाम, इस्लामिक धर्मगुरुओं के साथ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और सीपीएम के स्थानीय नेताओं को न्योता दिया गया था।
इफ्तार कार्यक्रम में शामिल हुए लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट से स्थानीय पंचायत सदस्य मेदम्मल मुनेरुनिशा ने इसे सामाजिक एकता की मिसाल बताया उन्होंने कहा कि “एक तरफ देश में कई शहरों में हिन्दू- मुस्लिम के नाम पर दंगे हो रहे हैं। ऐसे में एक मंदिर में इफ्तार कार्यक्रम का आयोजित करना हिन्दू – मुस्लिम एकता की एक मिसाल है।”
उन्होंने आगे कहा कि “मंदिर में इफ्तार के लिए मुसलमानों को आमंत्रित करने का भाव एक नेक काम है जो केरल में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने का काम करेगा और यह प्रशंसा का पात्र है।