दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के लोकसभा व राज्यसभा टीवी की तर्ज पर एक चैनल लाने के प्रस्ताव पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से विचार मांगा है। सूत्रों के मुताबिक इससे पहले भी कई राज्य सरकारें मंत्रालय से अपने लिए एक टीवी चैनल की इजाजत देने का अनुरोध कर चुकी हैं, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई। यह विशेष मुद्दा राज्य विधानसभा द्वारा एक चैनल लाने से संबंधित है और मंत्रालय ने इस संबंध में कानून मंत्रालय का विचार मांगने का फैसला किया है।
इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखे एक पत्र में गोयल ने संसद के दोनों सदनों के चैनल की तर्ज पर विधानसभा की कार्रवाई के सीधा प्रसारण के लिए एक विशेष चैनल लाने पर अनुमति मांगी थी। चैनल सार्वजनिक महत्व के अन्य कार्यक्रम भी प्रसारित करता। ऐसी सूचना थी कि टेलीविजन परियोजना की संभाव्यता और तौर तरीकों के लिए विधानसभा अध्यक्ष एक सलाहकार नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं। मौजूदा दिशा निर्देश के तहत राज्य सरकारों को अपना खुद का टीवी चैनल चलाने की इजाजत नहीं है। संसद के दोनों सदनों के चैनल – लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी की इजाजत है। स्वायत्त संस्था प्रसार भारती दूरदर्शन चैनलों का प्रसारण करती है।