UP Politics: उत्तर प्रदेश की नौकरशाही बड़ा फेरबदल हुआ है जिसमें कई आईएएस अधिकारियों का डिमोशन हुआ तो कई को प्रमोशन मिला है। इन्ही में से एक नाम है डॉक्टर हरिओम। यूपी की नौकरशाही में हरिओम का नाम पहली बार सुर्खियों में नहीं आया है। इसके पहले हरिओम ने साल 2007 में तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार किया था, तब वो मीडिया की सुर्खियों में छाए थे। अब एक बार फिर आईएएस डॉ. हरिओम एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियों में इस वजह से बने हैं कि योगी सरकार ने उन्हें वेलफेयर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया है।
हरिओम पिछले 5 सालों से गुमनामी में थे लेकिन मार्च 2022 में उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें एक किताब भेंट की थी जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में भी छाई रहीं थी। हरिओम की इस पद पर तैनाती के साथ ही ये माना जा रहा है कि अब उनकी एक बार फिर से मुख्यधारा में वापसी हो गई है। दरअसल जब हरिओम ने गोरखपुर का डीएम रहते हुए तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार किया था तब से ये माना जाने लगा था कि योगी आदित्यनाथ इस अफसर को पसंद नहीं करते हैं। हालांकि पिछले दिनों हरिओम ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे संबंध सुधार लिए।
Viral हो रहा है CM Yogi का पुराना Video
योगी आदित्यनाथ का एक पुराना वीडियो एक बार फिर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। ये वीडियो साल 2007 का है जिसमें योगी आदित्यनाथ संसद में रोते हुए दिखाई दे रहे हैं। वो इस वीडियो में संसद में रोते हुए पूछ रहे हैं कि क्या इस सदन की जिम्मेदारी मेरी सुरक्षा की है? योगी आदित्यनाथ इस वीडियो में कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि मैं तीसरी बार इस सदन में पहुंचा हूं। पहली बार मैं 25 हजार वोटों से जीतकर संसद में पहुंचा था, दूसरी बार मैं पचास हजार से भी ज्यादा वोटों से जीतकर संसद पहुंचा था और तीसरी बार में डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोटों से जीतकर संसद पहुंचा हूं। अगर ये सदन मुझे सुरक्षा नहीं दे सकता है तो मैं वापस चला जाउंगा। राजनीतिक द्वेष के चलते मेरे ऊपर कई फर्जी मुकदमे किए गए हैं मुझे जेल भेजा गया। समाज की सुरक्षा के लिए मैंने अपने परिवार अपने मां-बाप को भी छोड़ दिया है।
अमेठी के रहने वाले हैं IAS डॉ. हरिओम
डॉ. हरिओम का उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के एक छोटे से गांव कटारी में पैदा हुए थे। ये काफी पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता था, जहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर लोगों उतनी जागरूकता नहीं थी। हरिओम ने शुरुआती पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन के लिए इलाहाबाद को चुना। बचपन से ही वो गजल गाने, भजन कीर्तन करने में खूब मन लगता था ग्रामीण परिवेश के दौरान ही संगीत उनके रोम-रोम में बस गया था। एक इंटरव्यू में, हरिओम ने बताया था कि उनके पिता उन्हें शुरू से ही सिविल सर्विसेज के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने बताया उनका रुझान इस ओर तब आया जब वो इलाहाबाद आए। सपा की सरकार में भी चर्चा में आए थे। तब वो गोरखपुर के डीएम हुआ करते थे। साल 2007 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और योगी आदि