वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा मंगलवार (17 मई) को पहली बार भारत में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस में सवार होंगे और अब तक की स्थितियों की समीक्षा करेंगे। राहा बैंगलुरु में एलसीए पेंट हैंगर का उद्घाटन कर विमान के उत्पादन लाइन का दौरा भी करेंगे। वायुसेना ने 120 तेजस का ऑर्डर दिया है। इनमें से सौ विमान उन्नत किस्म के होंगे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि राहा दो सीटों वाले तेजस प्रशिक्षण विमान में संक्षिप्त उड़ान भरेंगे। वह हैंगर का भी दौरा करेंगे जहां मिराज 2000 को उन्नत बनाया जा रहा है।
तेजस के निर्माता हिंदुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड के जून के अंत तक वायुसेना को चौथा विमान देने की संभावना है। चार विमान वायुसेना की पहली टुकड़ी का हिस्सा होंगे, जिनका उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। वायुसेना ने एलएसी एमके टू का इंतजार करने के बजाय 40 से ज्यादा आधुनिकीकरण के साथ वर्तमान तेजस के उन्नत प्रकार के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया था। वायुसेना की फिलहाल योजना 120 तेजस विमान प्राप्त करने की है। वायुसेना इनमें से 100 में कई बड़ी तब्दीलियां चाहती है। तेजस के उन्नत प्रकार की लागत 275 करोड़ रुपए से 300 करोड़ रुपए के बीच रहेगी।
