उर्दू भाषा जानने की तमन्ना रखने वाले लोग अगर वक्त की किल्लत की वजह से यह भाषा सीखने के लिए कक्षाओं में नहीं जा पाते हैं तो वे लोग यहां चल रहे पुस्तक मेले से ऐसी किताबें ले सकते हैं जिनकी मदद से वे खुद घर बैठे अपनी भाषा के जरिए उर्दू भाषा को सीख सकते हैं। प्रगति मैदान में चल रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल नंबर 12 ए में राष्ट्र भाषा उर्दू विकास परिषद् ऐसी पुस्तकें लेकर आया है जिनसे हिंदी भाषा या अंग्रेजी भाषा के जरिए उर्दू भाषा सीखी जा सकती है।
परिषद् के स्टॉल नंबर 64-66 पर इनके अलावा उच्चारण दुरूस्त करने की किताबें भी हैं। साथ ही साहित्य गद्य संचयन की भी पुस्तक यहां पर है। स्टॉल पर मौजूद अनिल कुमार और मोहम्मद एहतिशाम ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि लोग उर्दूू भाषा सीखना चाहते हैं लेकिन वक्त की कमी की वजह से वह उर्दू सिखाने वाली कक्षाओं में नहीं जा पाते हैं। यहां पर इस तरह की किताबें हैं जिनकी सहायता से वह घर बैठे बिना किसी की मदद के उर्दू सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास उर्दू का बेसिक कोर्स है जिसमें ‘उर्दू कैसे लिखें, अभ्यास पुस्तिका’ है। फिर इस भाषा की बुनियादी बातों को जानने के बाद के चरण के तहत ‘उर्दू सबके लिए’ है। एहतिशाम ने कहा कि दो चरणों के बाद ‘उर्दू का परिचयात्मक व्याकरण’ नाम की पुस्तक है जो उर्दू के व्याकरण के बारे में जानकारी देती है।
उन्होंने कहा कि उच्चारण दुरूस्त करने के लिए भी किताब है जिसका नाम ‘उर्दू का उच्चारण’ है। इसमें उर्दू के शब्दों के सही उच्चारण के बारे में बताया गया है। एहतिशाम ने बताया कि जब से मेला शुरू हुआ है तब से ही लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और लोग उर्दू सीखने के लिए किताबें खरीद रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि हिंदी में उर्दू सिखाने वाली इन किताबों के लेखक गोपी चंद नारंग हैं। परिषद् के स्टॉल से ‘उर्दू सबके लिए’ पुस्तक खरीद रहे पेशे से सरकारी कर्मी केके यादव ने कहा कि उन्हें नई भाषाओं को जानने की ललक है। उन्होंने कहा, ‘नौकरी और घर के कामों से इतनी फुर्सत नहीं मिलती है कि किसी से भाषा सीखी जाए। मैं पिछले साल ‘उर्दू कैसे लिखें, अभ्यास पुस्तिका’ लेकर गया था और जब भी वक्त मिला तब इसे पढ़ा। इससे बुनियादी उर्दू आ गई और हर्फों की पहचान हो गई। इस साल दूसरा चरण सीखने के लिए नई किताब लेकर जा रहा हूं।’ राष्ट्र भाषा उर्दू विकास परिषद् मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाली एक स्वायत्त संस्था है।