हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में होने वाले चढ़ावे के दुरुपयोग की शिकायत पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला उपायुक्त को नोटिस भेज दिया है। नोटिस में मंदिर की आय का हिसाब-किताब देने के आदेश जारी किए गए हैं। अब सभी डीसी को बीते पांच सालों में मंदिरों को हुई आय का ब्यौरा हाईकोर्ट में जमा करना होगा। वैसे बता दें कि कोर्ट में ये याचिका कश्मीर चंद शड्याल नाम के शख्स ने दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता कश्मीर चंद शड्याल का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भक्तों के द्वारा भारी चढ़ावा चढ़ाया जाता है। इसके बावजूद भक्तों के लिए उचित सुविधाओं का अभाव दिखाई पड़ता है। सिर्फ यही नहीं, मंदिरों के रखरखाव और पुजारियों के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है। जबकि मंदिर के पैसों का दुरुपयोग अन्य कार्यों में हो रहा है।
हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 13 अगस्त को सभी जिलों के डीसी को मंदिरों की पांच साल में हुई आय का ब्यौरा देने के लिए कहा है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव से भी हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि मंदिर के आसपास की जमीन को शिक्षण संस्थान और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग करने की क्या संभावनाएं हैं?
हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 साल में 3 अरब 61 करोड़ 43 लाख 94 हजार 341 रुपये का चढ़ावा चढ़ा है। कोर्ट ने धार्मिक संस्थाओं के रख-रखाव, प्रतिमाओं और अन्य कल्याणकारी गतिविधियों के लिए उपयोग किए गए धन पर चिंता जताई। हाईकोर्ट के कार्यवाहक सीजे संजय करोल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत ने याचिका पर सुनवाई की है।