हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, आलम ये चल रहा है कि सबकुछ ठीक होने के दावों के बीच फिर सियासी संकट खड़ा हो गया है। शुक्रवार रात को विक्रमादित्य सिंह ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल से कांग्रेस और मंत्री शब्द ही हटा डाला। इसके ऊपर राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने जिस तरह से बागियों की तुलना काले नाग से कर डाली, स्थिति साफ बताती है कि हिमाचल में कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा सियासी झटका लगा था। उस झटके की वजह से ही कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हार गए थे, हिमाचल में सरकार क्योंकि कांग्रेस की थी, ऐसे में जीत की गारंटी मानी जा रही थी। लेकिन बीजेपी ने वही पर खेल किया और क्रॉस वोटिंग कर सारे समीकरण बदल डाले। अब इन बदले समीकरणों में कई नेता अपनी सियासी रोटी सेकने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ विक्रमादित्य सिंह और उनकी मां प्रतिमा सिहं हाईकमान के सामने सुक्खू के फेलियर का जोर-जोर से जिक्र कर रही है, दूसरी तरफ बागी विधायकों की स्थिति भी ज्यादा साफ नहीं हुई है।
इसी बीच मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने एक बयान में कहा है कि हमारी सरकार पर कोई संकट नहीं है, ये सरकार 5 साल चलेगी। ये जो वे हथकंडे अपना रहे हैं ये राजनीति में अच्छे नहीं लगते। इसके अलावा एक रैली के दौरान सीएम ने कांग्रेस के बागी विधायकों को काला नाग तक बता डाला और जोर देकर कहा कि जो पार्टी के साथ नहीं रह सके, वो जनता का क्या भला करेंगे।
वैसे इससे पहले भी सीएम सुक्खू द्वारा इसी तरह से बागियों को निशाने पर लिया गया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि उनकी गलती रह गई कि वे शराफत में रह गए। उन्होंने बागियों को फिर पार्टी में वापस लाने की वकालत तो की थी, लेकिन उन पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ा।