राजस्थान में करौली जिले में एक मूकबधिर लड़की को कथित तौर पर रेप करने के बाद जिंदा जला दिया। इसके बाद पुलिस ने आज हत्या और दुष्कर्म की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। वहीं, लड़की के पिता का कहना है कि पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए तेजी नहीं दिखा रही है। घटना कथित तौर पर 9 मई को हुई थी और लड़की ने 11 दिन बाद सोमवार को जयपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने अब तक एक आरोपी को हिरासत में लिया है और 11 से 15 लोगों से पूछताछ की है।

11 मई को करौली जिले के नई मंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक यह घटना 9 मई को हुई थी। लड़की की मां ने कहा कि उनकी बेटी सुबह 10 बजे के आसपास अपने घर के पास खेल रही थी और 100 मीटर की दूरी पर मैनें उसे बिना कपड़ों के देखा और उसकी चीखें सुनीं। उसकी आवाज सुनने के बाद हम बाहर आए। वह बोल नहीं सकती है इसलिए उसने इशारा करके बताया कि दो लोगों से उसे आग लगा दी और रेलवे लाइन की तरफ भाग गए।

पुलिस की कार्रवाई पर पिता ने उठाए सवाल

दंपत्ति अपने मूकबधिर बेटी को इलाज कराने के लिए एक सरकारी अस्पताल में ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर रेफर कर दिया गया। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 34 के तहत मामला दर्ज किया। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए लड़की के पिता ने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि आरोपी को गिरफ्तार किया जाए और फांसी की सजा दी जाए। उनमें से एक की पहचान मेरी बेटी ने अपने बयान में की थी और दूसरे आरोपी की पहचान उसी के जरिये की जा सकती है। जब पुलिस पहले आरोपी को ही नहीं पकड़ रही है तो दूसरों तक कैसे पहुंचेगी।

लड़की के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की सोमवार देर रात 1.15 बजे मौत हो गई। फिर भी उसको देखने के लिए कोई भी डॉक्टर नहीं था। हमने पुलिस को सुबह 6 बजे ही जानकारी दे दी थी कि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है। लेकिन पुलिस दोपहर 3 बजे ही पहुंची और शाम 7.30 बजे के बाद पोस्टमार्टम के बाद शव हमें दिया गया। इतना ही नहीं पिता ने दावा किया कि इतनी देरी का कारण ये था कि उन्हें लगा होगा कि हम कहीं धरने पर ना बैठ जाएं।

उन्होंने आगे कहा कि हम कल यानी गुरुवार को धरने पर बैठने वाले थे, लेकिन कुछ अखबारों ने गलत दावा करते हुए कहा कि हम 50 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी चाहते हैं। इसके बाद गांव के लोगों ने सोचा की हम पैसों के लिए ऐसा कर रहे हैं। मैंने एक बेटी खो दी है, क्या मैं सरकार से पैसे मांगूंगा? उन्होंने कहा कि हमें पैसा नहीं चाहिए, हमें केवल न्याय चाहिए।

पुलिस ने हमारे साथ बुरा बर्ताव किया

पिता ने कहा कि मंगलवार को हमने अंतिम संस्कार किया। पुलिस हमारे घर पर आई और हमें धमकाया व बुरा बर्ताव किया। हमसे कहा गया है कि अगर हम विरोध प्रदर्शन करेंगे तो हमें सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा। हमें मानसिक तौर पर भी परेशान किया जा रहा है। पुलिस को यह भी निर्देश दिया गया है कि हमको किसी भी तरह गांव से बाहर नहीं जाने दिया जाए।

पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही- एसपी

इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए करौली के एसपी ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि आरोपों से इनकार करते हुए, करौली के एसपी ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि आईजी राहुल प्रकाश और मैंने खुद परिवार से मुलाकात की है। पुलिस इस मामले को काफी गंभीरता से ले रही है। 14 मई को सीआरपीसी 161 के तहत दर्ज किए गए अपने बयान में लड़की ने किसी का नाम नहीं बताया। लेकिन फोन पर 10-12 लोगों की तस्वीर दिखाने के बाद उसने एक आरोपी को पहचान लिया। लड़की के चाचा ने उस व्यक्ति का नाम और सभी डिटेल दी थी।

एसपी ने बताया कि लड़की ने जिस आरोपी की पहचान की थी उस आरोपी को हिरासत में लिया गया है। वह उस खेत का मालिक है जहां पर यह अपराध हुआ था। हम अभी भी उसके भूमिका के बारे में साफतौर पर कुछ नहीं कह सकते हैं। हमने 11-15 संदिग्धों से पूछताछ की है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उसका बयान जिस टीम ने लिया था उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा को सही से समझती है। उसके बयान की रिकॉर्डिंग भी की गई और उसे पेन ड्राईव में सेव भी किया गया।

मूकबधिर लड़की के पिता ने कहा कि हमें नहीं पता कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं। मेडिकल की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम ही इस बात का जवाब दे सकते हैं। लेकिन हमें उसकी कोई भी कॉपी नहीं दी गई। उसके प्राइवेट पार्टस पूरी तरह से जल गए थे इसलिए हमें शक है कि उसके साथ रेप किया गया था। एसपी ने कहा कि एफआईआर में रेप का कोई भी जिक्र नहीं है और लड़की ने भी अपने बयान में इस बात से इनकार किया है। हम एफएसएल की टीम का सहारा ले रहे हैं।

आईजी राहुल प्रकाश ने भी कहा कि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है और इस पर जल्दी टिप्पणी करना सही नहीं होगा। एफआईआर में इस तरह का कोई भी जिक्र नहीं है और उस लड़की के बयान में भी ऐसा कुछ नहीं है। लड़की के परिवार की बात सुनी गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी की टीम का गठन किया जाएगा।