उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक का शव फंदे से लटका हुआ मिला है। इस केस को लेकर अमरोहा जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला जिले के गजरौला थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर इलाके के कंपोजिट स्कूल में हुआ है। जहां 50 साल के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार काम करते थे। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अपने दो सहकर्मियों और जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है और आत्महत्या की है।
जिला मजिस्ट्रेट निधि गुप्ता ने बताया कि प्रधानाध्यापक का शव स्कूल में लटका हुआ मिला, जिसके बाद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था।
क्या जानकारी सामने आई है?
जिला मजिस्ट्रेट निधि गुप्ता ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच के लिए अतिरिक्त डीएम (न्यायपालिका) के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।”
सुसाइड नोट में जिन लोगों का ज़िक्र है, उनके बारे में पूछे जाने पर डीएम ने कहा, “जो नाम सामने आए हैं उनमें स्कूल के दो शिक्षक – राघवेंद्र सिंह और सरिता सिंह और मोनिका शामिल हैं। यह जांच का विषय है कि एक शिक्षक को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा और एक बार जांच समिति का काम पूरा हो जाने के बाद, आगे की कार्रवाई की जाएगी”।
कथित सुसाइड नोट में प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने लिखा कि वह यह कदम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि राघवेंद्र सिंह, सरिता सिंह और बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) से तंग आ चुका हूं। सुसाइड नोट में लिखा गया है, “उनके अपमान, यातना और गालियों का सामना करने से मर जाना बेहतर है… मैं 2 अप्रैल, 2019 से उनकी बदमाशी बर्दाश्त कर रहा हूं। मैं चाहता हूं कि सीबीआई उनकी जांच करे। मैं अधिकारियों से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि जांचकर्ता मुरादाबाद मंडल से नहीं होना चाहिए क्योंकि उनका प्रभाव पूरे मंडल में व्याप्त है।”