कोलकाता से महज 25 किमी दूर साउथ 24 परगना जिले स्थित बरूईपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) फेरीवालों को हटाने के अभियान पर थी। कुछ ही मिनटों बाद बम फेंके गए और संघर्ष हुआ। इसमें सात लोग घायल हो गए, जिसमें पुलिस अफसर और जर्नलिस्ट भी शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, हॉकरों को हटाने का अभियान सुबह आठ बजे शुरू किया गया। मकसद था रेलवे प्लेटफॉर्म पर अवैध ढंग से सामान बेचने वाले फेरीवालों को हटाना। विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब करीब 3000 हॉकरों ने इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया। इन हॉकरों को तृणमूल के ट्रेड यूनियन INTTUC का समर्थन हासिल था। पुलिस का कहना है कि उन पर ईटों और बम से हमला किया गया। हॉकर ट्रेन रोकने के लिए रेलवे ट्रैक पर इकट्ठे हो गए। एक अफसर ने बताया, ‘सुबह आठ बजे से लेकर 10 बजे तक रूक रूक कर बम फेंके गए। दोपहर से पहले हालात नियंत्रित नहीं हुए।’ अफसर का यह भी कहना है कि प्रदर्शनों की अगुआई तृणमूल के पार्षद गौतम दास कर रहे थे।
जीआरपी के अधिकारियों का कहना है कि फेरीवालों को पहले ही नोटिस जारी करके यह अभियान चलाने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, यह बताना उनकी मदद करना साबित हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा लगता है कि फेरीवाले पूरी तैयारी के साथ आए थे।