दुष्कर्म के दोष में सजा काट रहे विवादित धर्म गुरु गुरमीत राम रहीम के डेरे पर अब राजनेताओं का आना जाना सार्वजनिक तौर नजर ना आता हो, मगर जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों के नेता फिर से डेरा सच्चा सौदा से संपर्क साधने में जुट गए हैं। ये राजनेता गुप्त रूप से डेरे के संचालकों से मीटिंग करने में जुटे हैं, ताकि चुनाव में राम रहीम का समर्थन हासिल किया जा सके। राम रहीम अभी अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के दोष में जेल में सजा काट रहा है। मामले में श्रीगंगानगर स्थित एक डेरे के इंचार्ज हरचरण सिंह बरार ने बताया कि इस बार राजनेताओं ने पंजाब और हरियाणा के किनारे दो जिले के डेरों से दूरी बनाकर रखी है। मगर उनके (नेताओं) पास डेरे के समर्थकों की लिस्ट हैं, जिनसे वह व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर रहे हैं।
राम रहीम राजस्तान के श्रीगंगानगर में स्थित श्री गुरुसर मोडिया गांव में पैदा हुआ था, जहां उसके समर्पित समर्थकों की तादाद अच्छी खासी है। एक समाचार पत्र ने ये जानकारी इस क्षेत्र के लोगों के हवाले से दी है। इस पर बरार का कहना है कि डेरे ने अभी तक समर्थकों को ऐसा कोई फरमान जारी नहीं किया है कि वो वोट किसे दें। मगर डेरा की प्राथमिकता अभी कितनी है यह राजनीतिक नेतआों द्वारा इसे महत्व देने से पता चलता है।
डेरे के इंचार्ज हरचरण सिंह ने आगे बताया कि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले की 11 सीटों में 9 भाजपा ने जीती थी। बाकी दो सीटों जमींदारा पार्टी ने जीती। यहां 19 ब्लॉक हैं और डेरे के इन दो जिलों में करीब 10 दस लाख समर्थक हैं। इतने लोगों के वोट हासिल करने के लिए सभी पार्टियों में होड़ लगी रहती है। वहीं पीलीबंगा ब्लॉक के इंचार्ज सतीश इंसा ने कहा वोट के लिए पार्टिया ब्लॉक इंचार्जों के पास आ रही हैं, जिनका डेरे समर्थकों पर खासा प्रभाव है।