हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का आज (रविवार, 03 मार्च) तबादला कर दिया है। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रधान सचिव का पद संभाल रहे खेमका को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। 28 साल की नौकरी में यह उनका 52वां तबादला है। 53 साल के खेमका का तबादला ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में दिए उस बयान के चंद घंटे बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने अरावली भूमि की चकबंदी करने पर सवाल उठाया था और कहा था कि इससे भू-माफिया लोगों के हौसले बढ़ेंगे। खेमका ने अरावली में चकबंदी शुरू करने के हरियाणा की भाजपा सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी। माना जा रहा है कि खेमका को उसी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

अक्टूबर 2014 में सत्ता में आई मनोहर लाल खट्टर की सरकार में अशोक खेमका का यह छठा ट्रांसफर है। खेमका 2012 में जब चकबंदी महानिदेशक थे, तब उन्होंने अरावली क्षेत्र में चकबंदी पर रोक लगा दी थी। उनकी राय है कि इससे अरावली का इको-सिस्टम खराब होगा तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ेगा। राज्य सरकार ने हाल ही में खेमका के छह साल पुराने उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें उन्होंने ग्राम कोट (फरीदाबाद) में 3,184 एकड़ भूमि की चकबंदी प्रक्रिया को वापस ले लिया था। उस वक्त जांच में ये बात पता चली थी कि अधिकांश भूमि (2,565 एकड़) पर गैर कृषि योग्य अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं। यह गांव गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर है।