हरियाणा सरकार ने गुरुवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से कहा कि मथुरा जा रही ट्रेन में भीड़ द्वारा मारे गए 15 वर्षीय जुनैद का परिवार आरोपियों से इस केस में समझौता करना चाह रहा है। सरकार का दावा है कि जुनैद का परिवार आरोपियों से इस केस को रफादफा करने के लिए दो करोड़ रुपए और तीन एकड़ जमीन की मांग कर रहा है। वहीं हरियाणा सरकार के दावों को खारिज करते हुए जुनैद के परिवार ने कहा कि यह केवल एक अफवाह है ताकि हमपर केस वापस लेने का दवाब बनाया जा सके। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिनशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल के दावों को खारिज करते हुए जुनैद के परिवार के काउंसल ने किसी भी प्रकार का समझौता करने की बात पर आपत्ति जताई।

दोनों पक्षों की बात सुनकर इस केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि इन बातों के आधार पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है इस पर अत्यंत गंभीरता के साथ निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट में दीपक सभरवाल ने कहा कि डिप्टी सुप्रींटेंडेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जुनैद का परिवार चाहता है कि कोर्ट की कार्यवाही देरी से हो और वे आरोपियों के परिवार से समझौता करने के लिए पैसों की मांग कर रहे हैं। सभरवाल के आरोप का जवाब देते हुए जुनैद के परिवार के वकिल आरएस छिम्मा ने कहा कि परिवार पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।

छिम्मा ने कहा इस परिवार ने अपना बेटा खोया है और इस प्रकार का बयान उनके जख्मों को कुरेदने वाला है। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर हुई बातचीत के दौरान भी जुनैद के परिवार ने दावों को खारिज किया। परिवार ने कहा कि वे इस मामले को पहले ही कोर्ट में लेकर जा चुके हैं और अब वे फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत और आरोपियों के गांव के लोग चाहते हैं कि केस में समझौता किया जाए ताकि भाई चारा बने रहे लेकिन हम इसमें नहीं झुकेंगे।