केंद्र सरकार ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम रखने की इजाजत दे दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। अब गुड़गांव शहर को गुरुग्राम के नाम से जाना जाएगा। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यह जानकारी पंचकुला में राज्य स्तरीय ‘स्वर्ण जयंती समारोह समिति’ की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी। संवाददाताओं से बातचीत में मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अब गुड़गांव शहर और जिला दोनों को ही गुरुग्राम के तौर पर जाना जाएगा। दिल्ली से सटा गुरुग्राम हरियाणा का कॉरपोरेट हब है। कहा जाता है कि गुड़गांव नाम गुरु द्रोणाचार्य से निकला जो महाभारत में धनुर्विद्या के महारथी थे और जिन्होंने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी। कहा जाता है कि इस गांव को पांडवों द्वारा गुरु द्रोणाचार्य को ‘गुरु दक्षिणा’ के रूप में दिया गया था इसलिए इसे गुरुग्राम के तौर पर जाना जाने लगा और समय के साथ यह नाम बिगड़कर गुड़गांव हो गया।
इस साल के अप्रैल में नाम बदलने की बात कही गई थी। गुड़गांव के अलावा मेवात जिले का नाम बदल कर नूह करने का निर्णय भी किया गया था। सरकार ने दावा किया था कि उस इलाके के लोग यह मांग कर रहे थे। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया था कि कई मंचों से गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने संबंधी प्राप्त आग्रह के आधार पर गुड़गांव का नाम बदल कर ‘गुरुग्राम’ करने का निर्णय किया गया था। प्रवक्ता ने कहा था, ‘हरियाणा भगवद्गीता की एक ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव अध्ययन का एक केंद्र रहा है।’ उन्होंने तर्क दिया था, ‘गुरु द्रोणाचार्य के समय से इसे गुरुगांव के रूप में जाना जाता था। यह शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र रहा है जहां पर राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। ऐसे में, इलाके के लोग लंबे समय से गुड़गांव का नाम बदल कर गुरुग्राम करने की मांग कर रहे थे।’