हरियाणा ने केटरपिलर ट्रेन के लिए पायलेट कॉरिडोर बनाने के विचार पर काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीएमओ से कहा है कि वे गुड़गांव के स्थानीय अधिकारियों से बात करें और इस मसले पर आगे की रणनीति बनाएं। गौरतलब है केटरपिलर ट्रेन का आइडिया भारतीय रेलवे के अधिकारी अश्विनी उपाध्याय का है। इसके लिए उन्हें एमआईटी में ग्लोबल अवार्ड भी मिला था। उपाध्याय ने एमिल जैकब के साथ मिलकर केटरपिलर ट्रेन का आइडिया इजाद किया था। उन्होंने आठ दिसंबर केा दिल्ली में खट्टर से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री के एडिशनल प्राइवेट सेक्रेटरी राकेश गुप्ता ने बताया, ”सीएम को यह आइडिया पसंद आया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पर आगे काम किया जाए इसलिए स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गई है। इस स्टेज पर हम प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के बारे में देख रहे हैं।” उपाध्याय ने गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर टीएल सत्य प्रकाश और पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार से कॉरिडोर को लेकर कुछ संभावित जगहों के बारे में चर्चा की।
हुडा सिटी सेंटर और सुशांत लोक के बीच व्यस्त इलाके पर वर्तमान में सहमति बनी है। इसके अलावा एंबियंस मॉल के पास की जगह पर भी बात हुई है। उपाध्याय ने बताया, ”मुझे राज्य के जीआईएस विभाग से मदद लेने को कहा गया है जिससे कि उचित कॉरिडोर चुना जा सके। पुलिस का मानना है कि इस तरह का कॉरिडोर उस रूट के श्रेष्ठ रहेगा जिस पर ट्रांसपोर्ट की डिमांड है और वहां पर अभी तक बस सर्विस भी नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि वे हमारी च्वॉइस के रास्ते पर निर्णय लेने को भी तैयार हैं।”,
जैकब भी जगह की तलाश के लिए भारत आए हैं। उन्होंने बताया कि स्ट्रीप्ड डाउन पायलेट सिस्टम पर तीन मिलियन डॉलर और पूरी तरह से ऑटोमेटेड सिस्टम पर 20 मिलियन डॉलर का खर्च आएगा। केटरपिलर ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और यह काफी हल्की होती है। जमीन से ऊपर एलिवेटेड रूट पर इसका संचालन होता है। इस तरह की ट्रेन पटरी से ऊपर और नीचे दोनों तरफ चल सकती है। इसका साइज भी पतला होता है।

