हरियाणा के रोहतक जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। रोहतक जिले के सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में खाकी वर्दी पहने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को मरीज के घाव में टांके लगाते हुए देखा गया। इस संबंध का वीडियो किसी ने शूट करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अब अधिकारी इस पूरे मामले की जांच की बात कह रहे हैं।
ये मरीजों के इलाज में लापरवाही का कोई पहला मामला नहीं है। इस घटना से सिर्फ तीन महीने पहले ही यानी अगस्त में रोहतक जिले के सांपला में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को मरीज के घाव में टांके लगाते हुए देखा गया था। ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। चतुर्थ श्रेणी कर्मी मरीजों को उस वक्त देख रहा था जब डॉक्टर और नर्स हॉस्पिटल परिसर में ही मौजूद थे। इस नए मामले में, ढाई मिनट के वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी मरीज के घावों को रोहतक के सिविल अस्पताल में सिल रहा है। ये वाकया शनिवार की देर रात का है। लेकिन इस दौरान कोई भी डॉक्टर या नर्स इमरजेंसी वॉर्ड में नहीं दिख रही है।
Haryana: A peon of Rohtak Civil Hospital stitched a patient’s wound on November 10 and the incident was caught on camera. The patient says, “My wound was bleeding. The doctor didn’t give me any painkiller. A peon came and stitched my wound in presence of the doctor.” pic.twitter.com/a3UYiuGTr1
— ANI (@ANI) November 14, 2018
टीओआई ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रोहतक जिले के कृपाल नगर के रहने वाले पीड़ित जोगिंदर कुमार के हवाले से टीओआई ने लिखा है कि की देर रात जोगिंदर कुमार के हाथ में चोट लगी थी। इसी वजह से वह रोहतक जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए गए थे। डॉक्टर इमरजेंसी वॉर्ड में मौजूद थे। लेकिन उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को मरीज के घाव को साफ करके टांगे लगाने और बाद में पट्टी करने का आदेश दिया। जोगिंदर ने बताया,”इस दौरान मेरा दोस्त मेरे साथ था। उसने पूरा वाकया अपने मोबाइल कैमरे में शूट कर लिया और बाद में हमने इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने का फैसला किया।
वायरल वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि इमरजेंसी वॉर्ड खासा बेतरतीब दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक, रोहतक जिले के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है। लेकिन इमरजेंसी वॉर्ड में आने वाले मरीजों के प्रति भी डॉक्टरों ने ढुलमुल रवैया अपना रखा है। वे खुद मरीज को तभी देखते हैं जब कोई खास मरीज आता है। टीओआई ने रोहतक के सीएमओ डॉ. अनिल कुमार बिड़ला के हवाले से लिखा है कि ये वीडियो पूरी तरह से सही है। उन्होंने इस मामले में जांच कमिटी भी गठित कर दी है। ये कमिटी मामले के सभी तथ्यों पर पूरी तरह से विचार करेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।