सवर्ण जाति की एक लड़की के कथित तौर पर एक अनूसूचित जाति के लड़के के साथ भागने को लेकर शनिवार शाम दलितों के घर पर तोड़-फोड़ की गई थी। इस मामले में 30 लोगों को आरोपी बनाया गया है। रविवार को हरियाणा पुलिस ने इस मामले में 18 युवकों को गिरफ्तार किया। इनमें से अधिकतर राजपूत समुदाय से हैं। वारदात यमुनानगर जिले के करहरा गांव में हुई। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 साल के बुजुर्ग सतपाल ने अपने घर की खिड़की का टूटा शीशा दिखाते हुए कहा, “यह तो बस एक लड़का-लड़की का मसला था। इसमें हमारी क्या गलती थी? हमारे घर क्यों तोड़ दिए गए?”
डीएसपी अजय सिंह राणा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, गांव में तनाव के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। उधर, सोमवार को ही इस मसले को हल करने के लिए दोनों समुदाय के लोगों को बुलाकर पंचायत की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। शनिवार की घटना पर डीएसपी राणा ने कहा, “गांव के दलितों को डराने के लिए यह किया गया। आरोपी दलितों के घर गए और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।” गांव के पूर्व सरपंच श्याम सिंह भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया, “हमलावरों ने अनुसूचित जाति के सभी लोगों के घरों में तोड़-फोड़ की। इलाके में ऐसे करीब 250 घर हैं।”
वहीं, घटना के प्रत्यक्षदर्शी सतपाल ने बताया, “हम रात 9 बजे अपने घर के सामने बैठे हुए थे कि वे अचानक हाथों में डंडे लेकर आए और हम पर हमला कर दिया। हम बचने के लिए भागे। यह अचानक किया हमला हमला था, वर्ना जरूर संघर्ष करते।” इस हमले में घरों के दरवाजों के अलावा चारपाई, फैन, आदि को नुकसान पहुंचाया गया। घटना के तुरंत बाद यमुनानगर के एसपी राजेश कालिया रात 1 बजे मौके पर पहुंचे। हमले में कुछ दलितों को हल्की-फुल्की चोटें भी आईं। बता दें कि दोनों समुदाय के तनाव की वजह एक 19 साल की सवर्ण लड़की का कथित तौर पर एक 21 वर्षीय युवक के साथ भाग जाना है। लड़की एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है, जबकि लड़का स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ चुका है। लड़की और लड़के के घर नजदीक में ही हैं। कथित तौर पर दोनों के भाग जाने के दो दिन बाद लड़की के घरवालों ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया। बताया जा रहा है कि लड़के और लड़की के शादी करने की अटकलों के बाद दलितों के घर को निशाना बनाया गया।