पल्लवी सिंघल

चंडीगढ़ से सटे हरियाणा के पंचकूला में कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुत्तों के काटने के मामले पिछले साल के मुकाबले दोगुने हो गए हैं। पंचकूला सिविल हॉस्पिटल में 14 जुलाई तक ही इस तरह के 2839 मामले सामने आ चुके हैं, बता दें कि पिछले साल 12 महीनों में मिलाकर कुल 2819 मामले सामने आए थे। जुलाई के पहले हफ्ते में ही इस तरह के 177 मामले सामने आए थे। निगम का कहना है कि आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है।

कुत्तों के शिकार हुए लोगों में डीसीपी कमलदीप गोयल का नाम भी जुड़ गया है। दरअसल बीती 3 जुलाई को सेक्टर 4 में कुछ आवारा कुत्ते उनके पीछे पड़ गए थे, उनसे बचकर भागने के दौरान डीसीपी का पैर फ्रैक्चर हो गया। उन्होंने कहा, ‘आवारा कुत्ते बड़ी समस्या बन चुके हैं। पूरे शहर में इस तरह की समस्या है। इन पर नियंत्रण के लिए जल्द से जल्द उपाय करने चाहिए।’

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निगम कमिश्नर राजेश जोगपाल ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘मैं हर समय कॉल अटैंड करने के लिए फ्री नहीं हूं। अपॉइंटमेंट लेकर ऑफिस आइये और बात कीजिए।’ सेक्टर-6 स्थित सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि वो हर दिन इस तरह के 15 मामले देखते हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में एंटी-रेबिज वैक्सीन्स की कमी हो गई है। वहीं सीएमओ योगेश कुमार ने भी कमी की बात स्वीकार की और कहा कि वो सभी मरीजों के इलाज की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। कुत्तों की शिकार हुईं 65 वर्षीय शिक्षा का कहना है, ‘क्या कर सकते हैं, पैदल निकलना ही मुश्किल हो गया है।’

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