पुलिस में उच्च योग्यता वाले युवाओं को भर्ती करने के मामले में हरियाणा अन्य राज्यों के मुकाबले आगे निकल गया है। हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने कुछ दिनों पहले हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के 4,225 रिक्त पदों के लिए भर्ती निकाली थी। राज्य के पुलिस महानिदेशक बीएस. संधू ने 17 मई को एक रिलीज जारी कर नवनियुक्त कांस्टेबलों की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी दी। इसके मुताबिक, इनमें एमबीए, लॉ ग्रैजुएट, एमटेक और पीजी की डिग्री वाले लोग शामिल हैं। डीजीपी ने बताया कि फिलहाल ये सभी प्रशिक्षण ले रहे हैं। मधुबन स्थित हरियाणा पुलिस एकेडमी में 20 मई को रिक्रूट बेसिक कोर्स (आबीसी) के 84वें बैच का पासिंग आउट परेड होगा। इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वालों को सीएम खट्टर सम्मानित भी करेंगे। हरियाणा पुलिस द्वारा पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अपनाने की नीति के तहत उच्च योग्यता वाले अभ्यर्थियों को पुलिस में भर्ती किया गया है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की तादाद बहुत ज्यादा है।
ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादा युवा: हरियाणा पुलिस की नई नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं ने बाजीह मारी है। पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र से 3,827 और शहरी क्षेत्रों से 398 युवाओं की भर्ती की गई है। रिलीज में कहा गया है, ‘सफल अभ्यर्थियों में दो एमफिल, 15 एमटेक, 16 एमसीए, 36 एमबीए, 33 एमएससी, 38 एमकॉम, 103 एमए, 273 बीटेक, 51 बीसीए, 3 एलएलबी, 434 बीएससी, 215 बीकॉम, 844 बीए, 23 डिप्लोमा धारक, 65 जेबीटी के साथ 12वीं पास, दो आईटीआई, दो पॉलिटेक्निक और 2,028 12वीं पास हैं।’ डीजीपी ने नए कांस्टेबलों को विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए प्रशिक्षण की भी जानकारी दी। यह कोई पहला मामला नहीं है जब उच्च योग्यता वाले युवाओं ने बेहद कम योग्यता वाले पदों पर नौकरी करने को मजबूर हुए हैं। दो साल पहले उत्तर प्रदेश में चपरासी की भर्ती निकली थी, जिसके के लिए पीएचडी, बीटेक जैसी डिग्रियां लिए युवाओं ने आवेदन किया था। वर्ष 2017 में हरियाणा के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में चपरासी के पद के लिए 92 भर्तियां निकली थीं। इसके लिए आठवीं पास की योग्यता निर्धारित की गई थी, लेकिन आवेदन करने वालों में पीएचडी, स्नातक और पीजी तक कि डिग्री रखने वाले शामिल थे।