हरियाणा में इस बार का लोकसभा चुनाव बेहद जबरदस्त होने वाला है। राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों पर पिछली बार बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। राज्य की सिरसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के दो पूर्व अध्यक्ष, हिसार में पूर्व डिप्टी पीएम देवी लाल के परिवार के तीन सदस्यों के बीच मुकाबला है।

हरियाणा में लोकसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार सियासी रण के राज्य के दो दिग्गज सियासी परिवार – भजन लाल और बंसी लाल के वंशज दूर हैं। इसके अलावा राज्य के दो बार सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर के सामने करनाल में एक युवा तुर्क का मैदान में उतरना इस चुनाव को और भी रोमांचक बनाता है।

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने राज्य की ज्यादातर सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, बावजूद इसके यहां उसने छह प्रत्याशी बदल दिए हैं। करनाल में संजय भाटिया की जगह पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, रतन लाल कटारिया की सीट पर उनकी पत्नी पत्नी बंटो कटारिया, नायब सिंह सैनी वाली सीट पर नवीन जिंदल, सोनीपत में रमेश चंद्र कौशिक की जगह मोहन लाल बडोली, सिरसा में सुनीता दुग्गल की जगह अशोक तंवर और हिसार में बृजेंद्र सिंह की जगह रंजीत सिंह चौटाला चुनाव मैदान में हैं।

जिन चार सीटों में बीजेपी ने अपने मौजूद उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, उनमें रोहतक, फरीदाबाद, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ शामिल हैं, जहां पार्टी ने क्रमश: अरविंद शर्मा, कृष्ण पाल गुर्जर, राव इंद्रजीत सिंह और धरमबीर सिंह  को चुनाव मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने आठ में से छह प्रत्याशी बदले

हरियाणा में कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक घोषित किए गए आठ प्रत्याशियों में से इस बार छह बदल दिए गए हैं। 2019 में अंबाला से चुनाव लड़ने वाली कुमारी शैलजा इस बार सिरसा से चुनाव मैदान में हैं। अंबाला सीट पर कांग्रेस ने वरुण चौधरी, करनाल में कुलदीप शर्मा की जगह दिव्यांशु बुद्दिराजा, सोनीपत में भुपिंदर सिंह हुड्डा की जगह सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी-महेंद्रगढ़ में श्रुति चौधरी की जगह राव दान सिंह और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर अवतार सिंह भड़ाना की जगह महेंद्र प्रताप को चुनाव मैदान में उतारा है।

2019 में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे अशोक तंवर

हिसार लोकसभा सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ रहे अशोक तंवर पिछली बार यहीं से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। उनके खिलाफ कुमारी शैलजा चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा में इस बार कांग्रेस कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही है, यह सीट उसने आम आदमी पार्टी को दी है, जहां से सुशील गुप्ता चुनाव मैदान में हैं।

करनाल में दिव्यांशु बुद्दिराजा को प्रत्याशी बनाने पर लोकल पार्टी यूनिट नाराज नजर आ रही है लेकिन पार्टी के एक धड़े का यह भी मानना है कि उनके जरिए कांग्रेस बढ़ती महंगाई और युवाओं में नाराजगी को भुनाने में सफल रहेगी। करनाल लोकसभा सीट पर इसलिए भी सभी की नजरें हैं, क्योंकि यहां लोकसभा के साथ ही करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी हो रहा है, जहां से नायब सिंह सैनी चुनाव मैदान में हैं।

सिरसा क्यों महत्वपूर्ण?

सिरसा लोकसभा सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यहां बीजेपी ने अशोक तंवर और कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को सियासी रण में उतारा है। अशोक तंवर फरवरी 2014 में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। अशोक तंवर के बाद कुमारी शैलजा 2019 में पार्टी की अध्यक्ष बनीं। इसके बाद अशोक तंवर ने अक्टूबर 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी। कुमारी शैलजा के बाद उदयभान अप्रैल 2022 में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए। अशोक तंवर और कुमारी शैलजा दोनों ही सिरसा से सांसद रह चुके हैं।

अशोक तंवर 2009 में सिरसा से सांसद का चुनाव जीते थे इसके बाद उन्हें यहां अगले दोनों चुनावों में हार सामने करना पड़ा। कुमारी शैलजा 1991 और 1996 में सिरसा से लोकसभा का चुनाव जीती थीं। वह 2004 और 2009 में अंबाला से संसद पहुंचीं। इसके बाद उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा और वह 2019 में बीजेपी के रतन लाल कटारिया से चुनाव में हार गईं।

हिसार में बहुओं का ससुर से मुकाबला

हिसार लोकसभा सीट पर इस बार दो बहुएं मैदान में है। ये आपस में तो एक दूसरे से मुकाबला कर ही रही हैं, इन्हें इनके ही एक ससुर भी चैलेंज कर रहे हैं। जी, हां हम बात कर रहे हैं पूर्व डिप्टी पीएम देवी लाल के परिवार की। यहां कांग्रेस ने अपने सीनियर नेता जय प्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है।

जेजेपी ने इस सीट पर दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला, इनेलो ने देवी लाल के पोते रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला तो बीजेपी ने देवी लाल के बेटे रणजीत चौटाला को चुनाव मैदान में उतारा है। ये तीनों ही पहली बार हिसार से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के जय प्रकाश ने आखिरी बार 2004 में जीत दर्ज की थी। उन्होंने 2009 में चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2014 में कांग्रेस ने उनकी जगह संपत सिंह को उतारा, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। 2019 में कांग्रेस ने भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़ाया लेकिन वो तीसरे नंबर पर रहे। इस बार भव्य बिश्नोई और उनके पिता कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के साथ हैं जबकि चुनाव लड़ रहे चारों प्रमुख प्रत्याशी जाट हैं।

रोहतक में फिर भिड़ेंगे पुरानी चेहरे

रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने दीपेंदर हुड्डा पर फिर से भरोसा जताया है तो वहीं बीजेपी ने मौजूदा सांसद अरविंद शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। अरविंद शर्मा पिछली बार नजदीकी मुकाबला में 7500 वोटों से जीते थे। रोहतक को हुड्डा का गढ़ माना जता है। यहां 1991 में भूपिंदर सिंह हुड्डा ने देवी लाल को हराकर जीत दर्ज की थी। उन्होंने यहां 1996, 1998 और 2004 में भी जीत हासिल की। इसके बाद दीपेंदर इस सीट से 2005 और 2009 में संसद पहुंचे। भूपिंदर सिंह हुड्डा 2005 से 2014 तक हरियाणा के सीएम रहे।

नायब सैनी की सीट से नवीन जिंदल मैदान में

बात अगर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट की करें तो यहां बीजेपी ने मशहूर उद्योगपति और पूर्व कांग्रेस नेता नवीन जिंदल को चुनाव मैदान में उतारा है।इस सीट पर कांग्रेस आप के सुशील गुप्ता को सपोर्ट कर रही है। पिछले चुनाव में इस सीट पर नायब सैनी चुनाव जीते थे। वो अब हरियाणा राज्य के सीएम हैं। नवीन जिंदल साल 2004 और साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर यहां जीते थे लेकिन उन्हें 2014 में हार का सामना करना पड़ा।

कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से नवीन जिंदल के पिता ओम प्रकाश जिंदल भी साल 1996 में चुनाव जीत चुके हैं। वह हरियाणा विकास पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। इस बार इस सीट पर इनेलो के अभय चौटाला भी चुनाव लड़ रहे हैं।

अंबाला सीट पर कौन-कौन आजमा रहा किस्मत?

हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने पूर्व दिग्गज और तीन बार के सांसद लाल कटारिया की पत्नी बंटो कटारिया को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूल चंद मुल्लाना के बेटे और युवा विधायक वरुण चौधरी से होगा। सोनीपत में इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं।

दिल्ली से सीट फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार कृष्णपाल गुर्जर पर भरोसा जताया है। उनसे मुकाबला करने के लिए कांग्रेस महेंद्र प्रताप को लेकर आई है। साल 2004 और साल 2009 में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के अवतार भड़ाना ने चुनाव जीता था लेकिन वह अगले दोनों चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर से हार गए। इस बार कांग्रेस भड़ाना की जगह महेंद्र प्रताप को लेकर आई है।

गुरुग्राम में बीजेपी ने फिर राव इंद्रजीत सिंह को उतारा

गुरुग्राम लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर से राव इंद्रजीत सिंह को उतारा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अभी तक इसी विमर्श में बिजी है कि वो कैप्टन अजय यादव को फिर से चुनाव में उतारे या किसी अन्य को टिकट दे। इस सीट पर बॉलीवुड एक्टर राजबब्बर का नाम भी चल रहा है। गुरुग्राम में राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर पिछले दो चुनाव जीते हैं। इससे पहले वह कांग्रेस के टिकट पर 2009 का चुनाव जीते थे।