हरियाणा सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा है। मनोहर लाल खट्टर सरकार अपने इरादे पर कायम रही तो हुडा, नगर निगम, बिजली विभाग, आबकारी और कराधान विभाग, पुलिस, आरटीए और एसडीएम दफ्तरों के आधे से अधिक अधिकारी और कर्मचारी मुश्किल में आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अपने आला अधिकारियों और कर्मचारियों की कुंडली बनानी शुरू कर दी है। सरकार ने पहले ही हरियाणा में तैनात सभी आइएएस और आइपीएस अफसरों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांग लिया था। ज्यादातर अफसरों ने सरकार को अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा सौंप भी दिया था। लेकिन सत्ता के नजदीकी कुछ अफसरों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा देना मुनासिब नहीं समझा।
आला अफसरों के बाद प्रदेश सरकार ने अपने सभी विभागों के तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों से संपत्ति का ब्योरा मांगा है। इस सिलसिले में हरियाणा के मुख्य सचिव दफ्तर से इस संदर्भ में सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, जिला उपायुक्तों और बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों व विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को हिदायतें जारी कर दी गई हैं। संपत्ति का सही ब्योरा हासिल करने के लिए सरकार ने एक खाका भी तैयार किया है। इस खाके में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी चल-अचल व बेनामी संपत्ति की जानकारी देनी होगी। यही नहीं, उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा भी देना होगा। यह जानकारी हरियाणा सिविल सर्विस के नियम-24 के तहत मांगी गई है।