हरियाणा विधानसभा में 55 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जबकि 32 सदस्यों ने पक्ष में वोट किया। मतों के विभाजन के बाद यह प्रस्ताव गिर गया। सदन में विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने यह प्रस्ताव लाया था।
प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने वाले 55 सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 39, उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10, पांच निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी से एक सदस्य शामिल हैं।
हरियाणा विधानसभा में सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद विपक्ष के नेता बीएस हुड्डा ने कहा, “सरकार बेनकाब हो गई है। मैंने कहा था कि वे व्हिप जारी करते ही बहुमत हासिल कर लेंगे। मैंने स्पीकर को गुप्त मतदान के लिए आग्रह किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर गुप्त मतदान होता तो परिणाम सरकार के खिलाफ होता। हमारी संख्या 30 से बढ़कर 32 हो गई होती।”
उधर, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा, “आज सदन के अंदर कई लोगों के चेहरों से नकाब हटे। वे लोग जो कहते थे कि कृषि के 3 क़ानून काले हैं, उन्होंने सदन में माना ये काले क़ानून नहीं हैं। इन लोगों का लक्ष्य कृषि क़ानूनों को वापस लेना नहीं है। उनका लक्ष्य है किसी तरह सत्ता में दोबारा आएं। जिन लोगों ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया है, वोटों के माध्यम से उनको जवाब दे दिया गया है।”
इसके पहले सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि ‘नो कॉन्फिडेंस’ कांग्रेस की संस्कृति है। जब पार्टी चुनाव हार जाती है, तो ईवीएम पर वह ईवीएम पर अविश्वास जताती है। जब दुश्मन देश पर सर्जिकल स्ट्राइक की जाती है तो वह उस पर अविश्वास जताते हुए सबूत मांगती है। उन्होंने कहा कि आलोचना के लिए आलोचन न करिए। कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में है, तो सब ठीक है, लेकिन अगर यह भाजपा है, तो ठीक नहीं है। इससे पहले विपक्षी कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सरकार बहुमत की नहीं, बल्कि जजपा पर निर्भर है, जिस पर लोगों का विश्वास नहीं है।
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हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा, "आज सदन के अंदर कई लोगों के चेहरों से नकाब हटे। वे लोग जो कहते थे कि कृषि के 3 क़ानून काले हैं, उन्होंने सदन में माना ये काले क़ानून नहीं हैं। इन लोगों का लक्ष्य कृषि क़ानूनों को वापस लेना नहीं है। उनका लक्ष्य है किसी तरह सत्ता में दोबारा आएं। जिन लोगों ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया है, वोटों के माध्यम से उनको जवाब दे दिया गया है।"
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 40 सदस्य, जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं।
सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है।
कांग्रेस के 32 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 40 सदस्य, जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है।
आज सदन के अंदर कई लोगों के चेहरों से नकाब हटे। वे लोग जो कहते थे कि कृषि के 3 क़ानून काले हैं, उन्होंने सदन में माना ये काले क़ानून नहीं हैं। इन लोगों का लक्ष्य कृषि क़ानूनों को वापस लेना नहीं है। उनका लक्ष्य है किसी तरह सत्ता में दोबारा आएं।
'नो कॉन्फिडेंस' कांग्रेस की संस्कृति है। जब पार्टी चुनाव हार जाती है, तो ईवीएम पर वह ईवीएम पर अविश्वास जताती है। जब दुश्मन देश पर सर्जिकल स्ट्राइक की जाती है तो वह उस पर अविश्वास जताते हुए सबूत मांगती है। उन्होंने कहा कि आलोचना के लिए आलोचन न करिए। कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में है, तो सब ठीक है, लेकिन अगर यह भाजपा है, तो ठीक नहीं है।
हरियाणा विधानसभा में बुधवार को, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा-जजपा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया और इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का विश्वास खो दिया है।
मेहम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा है कि इस अविश्वास प्रस्ताव से कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि खट्टर सरकार के पास बहुमत है। इसके बावजूद उन्होंने कृषि कानूनों का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने की बात कही। कुंडू ने कहा कि वे कांग्रेस के साथ नहीं हैं, पर वे किसानों के साथ हैं। इसीलिए वे किसानों के हित के लिए भाजपा के खिलाफ वोट देंगे।
भाजपा से समर्थन वापस ले चुके चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान सदन में मांग रखी कि कृषि कानूनों के खिलाफ भी एक प्रस्ताव आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी कई पार्टी के विधायकों से बात हुई है, वे सब जानते हैं कि यह कानून किसान विरोधी हैं। लेकिन वे अलग-अलग कारणों से सामने आकर इनका विरोध नहीं कर पा रहे।
भाजपा का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा कि कहा कि भूपिंदर सिंह हुड्डा नकली मुख्यमंत्री हैं और असली सीएम मनोहर लाल खट्टर हैं। पृथाला से विधायक रावत ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के खुद के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि पंजाब को हरियाणा की कृषि नीतियों को अपनाना चाहिए और यहां वे हमारी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस की तरफ से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की अवधि को एक घंटे बढ़ा दिया। इसके बाद सदन में भाजपा के एक विधायक के बयान के बाद हंगामा मच गया। दरअसल, भाजपा विधायक ने असीम गोयल ने कहा कि जो लोग नारे लगाते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह... कांग्रेस उनके साथ मिल चुकी है। इसे लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधायक ने सदन में अमर्यादित भाषा इस्तेमाल की है।
हरियाणा के पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलेन ने कहा कि पूरे देश को खाना देने वाले किसान आज बुरी स्थिति में हैं। मुझे लगता है कि हरियाणा के सभी किसान आज कर्ज के बोझ में दबे हैं। उनकी जमीन बैंकों के पास गिरवीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी स्थिति में भी किसानों को प्रदर्शन के लिए उकसा रही है। कल 60 लोग मेरे दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, ताकि मैं सरकार के खिलाफ वोट करुं। आखिर क्यों, मुझे मेरे क्षेत्र के 41 हजार वोटरों ने चुना है। वे फैसला करेंगे कि मुझे क्या करना है।
जगधारी से भाजपा विधायक कंवर पाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि कल भूपिंदर हुड्डा ने लाल किले पर हुई हिंसा की निंदा की थी। लेकिन इसके बाद उन्होंने आरोपियों को बचाने के लिए अपने वकील भेज दिए। आप उनका समर्थन कर रहे हैं, जो कानून तोड़ते हैं। आप जानबूझकर आमना-सामना करवाना चाहते हैं। अगर हमारी ऐसी मंशा होती, तो लाठीचार्ज होता, लेकिन हमारी मंशा कभी ऐसी नहीं रही।
भाजपा विधायक कंवर पाल सिंह ने हुड्डा के भाषण के बाद कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- आपको क्या लगता है किसानों की मौत के लिए आप नहीं जिम्मेदार हैं? जब आप बुजुर्ग किसानों से मिल रहे थे और वे एक के बाद एक दम तोड़ रहे थे, तब आपने उन्हें घर लौटने के लिए क्यों नहीं कहा। इसलिए क्योंकि आपका लक्ष्य कुछ और था। आप कहते हैं लाठी चार्ज से मौत हुई। इसका सबूत दीजिए। कहां है मेडिकल सर्टिफिकेट। सिर्फ एक ऐसा सर्टिफिकेट लाकर दीजिए।
कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अपना भाषण खत्म करने के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से कहा कि वे पिछले पांच सालों की बात नहीं कर रहे, बल्कि पिछले एक साल की बात कर रहे हैं। हुड्डा ने स्पीकर से अपील की कि वे गुप्त वोटिंग की इजाजत दें, न कि व्हिप के जरिए।
कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हमले तेज करते हुए कहा कि इस सरकार से लोगों का भरोसा पूरी तरह हट चुका है। इस सरकार के नेता अब अपने ही गांवों में नहीं जा सकते। वे बस अपने हेलिकॉप्टरों से घूमना जारी रखते हैं, पर लैंड नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री खुद 26 जनवरी को तिरंगा फहराने पानीपत नहीं जा पाए। उन्हें पंचकूला तक उड़ाने भरनी पड़ी। यह मौजूदा सरकार की स्थिति है।
कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के साथ कहा कि अब तक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में 250 किसानों की मौत हो चुकी है। मैंने उनके नाम भी पेश किए, पर ये नाम मुझे किसी अखबार में भी नहीं मिले।