हरियाणा के भिवानी में कर्ज न चुका पाने के कारण जेल भेजे गए एक किसान की 10 दिनों में मौत गई। बैंक चेक बाउंस मामले में जेल में बंद 65 वर्षीय रणबीर सिंह पर 9.65 लाख रुपये का कर्ज था। सोमवार (1 अक्टूबर) को रणबीर सिंह ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। जेल अधिकारियों ने रणबीर को सिविल अस्पताल पहुंचाया तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रणबीर की मौत से नाराज परिजनों शव लेने और पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था और भिवानी के बहल कस्बे स्थित तहसीलदार कार्यलय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। प्रशासन ने देर शाम परिजनों की मांगों पर काफी हद तक सहमति जताकर घंटों चले धरने को शांत कराने कामयाब हासिल की। परिजनों ने बुधवार को शव उठा लेने की हामी भरी। परिजनों के धरने में किसान सभा के लोग और कई नेता भी जुटे थे। परिजनों ने आरोप लगाया बकाया ऋण मामले में सजा मिलने के कारण रणबीर की सदमें से जेल में मौत हो गई। भिवानी के डिप्टी कमिश्नर अंशज सिंह ने मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये, बकाया ऋण-छूट और परिवार के किसी सदस्य के लिए एक अस्थाई नौकरी देने का आश्वासन दिया।
ट्रैक्टर लेने के लिए लिया था लोन: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रणबीर को 2016 में ट्रायल कोर्ट से 2 साल के लिए सजा मिली थी। अदालत के फैसले को किसान ने चुनौती दी थी लेकिन भिवानी की सत्र अदालत ने बीते 21 सितंबर को सजा बरकार रखते हुए उन्हें जेल भेज दिया था। 5 बच्चों के पिता रणबीर के पास उनके गांव भिवानी के चाहरकलां में 9 एकड़ की एक जमीन थी। रणबीर के एक भूतपूर्व सैनिक भाई ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया ”1995 में रणबीर ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए लैंड मोर्टगेज बैंक से 1.5 लाख रुपये का लोन लिया था। अब इस बैंक को हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डिवेलपमेंट बैंक के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 2006 में एक और डेढ़ लाख रुपये की लोन ली थी। वह समय पर किस्त जमा नहीं कर पाए। 2016 तक उनके खिलाफ बकाया ऋण राशि 9.65 लाख रुपये हो गई। लोन जमा न होने पर बैंक ने लोहारू स्थित अदालत पहुंची और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया।”
बैंक ने भी दी सफाई: अखिल भारतीय किसान सभा के हरियाणा इकाई के ज्वाइंट सेक्रेटरी दयानंद पूनिया ने कहा कि किसानों को ऋण देते वक्त बैंक उनसे जो ब्लैंक चेक लेते हैं, इस प्रकिया को बंद किया जाना चाहिए और बैंक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना चाहिए। लैंड मोर्टगेज बैंक के एमडी नरेश गोयल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दूसरे बैंक भी सिक्यॉरिटी के तौर पर ब्लैंक चेक लेते हैं। बार-बार प्रयास करने पर किसानों से बकाया ऋण वसूल न होने पर बैंक अदालत का दरवाजा खटखटाती है। लोहारू के इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक ओम प्रकाश गौरा, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद और दूसरी पार्टियों के नेताओं ने रणबीर के परिवार से मिलकर समर्थन करने का आश्वासन दिया। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने भी मदद का हाथ बढ़ाया और सरकार से मांग की कि रणबीर के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
Bhiwani: Man alleges his brother who was in prison for non-payment of loan has died in custody, says, "His loan should be waived off&compensation given to his family." Police says, "He was sentenced to 2 yrs in prison. When he fell ill, he was shifted to hospital, where he died." pic.twitter.com/rwW046KFGU
— ANI (@ANI) October 3, 2018