पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने नौ महीने बाद आज लाजपोर जेल से बाहर आकर आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें 56 इंच का सीना नहीं, बल्कि अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए। जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए 22 वर्षीय हार्दिक ने कहा कि वह ओबीसी श्रेणी के तहत अपने समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कुर्मी समुदाय को जोड़कर आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के संकेत दिये। पटेल कुर्मियों को अपनी शाखा मानते हैं।
पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से राजद्रोह और विसनगर विधायक के दफ्तर में हिंसा से संबंधित दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद हार्दिक की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।
अदालत ने यह शर्त लगाई थी कि अगले छह महीनों तक हार्दिक को गुजरात से बाहर रहना होगा। हार्दिक के वकीलों ने स्थानीय अदालत को बताया कि वह अगले छह महीने राजस्थान के उदयपुर में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान 56 इंच का सीना संबंधी टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए हार्दिक ने कहा, मैं यह कहना चाहता हूं कि मुझे ऊंचाई, वजन या 56 इंच का सीना नहीं चाहिए। मुझे तो अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए।
हार्दिक ने कहा, आने वाले दिनों में हमारा आंदोलन जारी रहेगा। पटेल समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की हमारी मांग कायम है। आने वाले दिनों में हमारे काम करने के तरीके में बदलाव आएगा लेकिन हमारे तेवर ऐसे ही बने रहेंगे। सूरत में अपने समर्थकों के साथ रोड शो शुरू करने से पहले पत्रकारों से बातचीत में हार्दिक ने सभी पार्टियों को इस आंदोलन का राजनीतिक लाभ नहीं उठाने की चेतावनी दी।
हार्दिक ने कहा,आंदोलन किसी एक राजनीतिक पार्टी की बपौती नहीं है। किसी पार्टी को इसका राजनीतिक फायदा उठाने का सोचना भी नहीं चाहिए। यह आंदोलन केवल मेरे या किसी और के चाहने से नहीं रूकने वाला। यह तभी खत्म होगा जब पटेल समुदाय को उसके अधिकार मिल जाऐंगे। हार्दिक ने कहा कि राज्य सरकार से बातचीत के दरवाजे खुले हैं।
