उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर अब हिन्दू संगठनों का विरोध बढ़ता जा रहा है। हत्याकांड पर राजस्थान के पालि में हिन्दू संगठनों ने इकट्ठा होकर हनुमान चालीसा का पाठ किया है। यहां पर भव्य हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए हिन्दू संगठनों का जमावड़ा लगता हुआ दिखाई दे रहा है। ये सर्वसमाज की ओर से निकाली गई यात्रा है दर असल ये आरएसएस ऑर्गनाइज कर रहा है। इसमें विश्व हिन्दू परिषद और स्वयं सेवक संघ के लोग शामिल है।

दरअसल उदयपुर हत्याकांड के बाद से ये केवल पालि में ही नहीं हो रहा है इसके पहले उदयपुर हत्याकांड के विरोध में ये 3 जुलाई को जयपुर में भी हुआ था, उसके बाद सवाई माधोपुर में भी हुआ था। ये कार्यक्रम राजस्थान के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग दिनों पर किया जा रहा है। इसकी शुरुआत उदयपुर से हुई थी। उदयपुर हत्याकांड के बाद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सर्वसमाज के बैनर तले से हर राजस्थान के हर जिले में ये आयोजन कर रहा है।

साधु-संतों को मंच पर स्थान दिया जाता है
इसमें साधु संतों को मंच पर बैठाया जाता है और इस बात की कोशिश की जाती है कि इसे राजनीतिक रंग ना दिया जाए। लेकिन यहां पर बीजेपी के विधायक और सांसद भी हिस्सा लेते हैं और इस तरह से ये हनुमान चालीसा का पाठ होता है। पहले सभा बुलाई जाती है फिर रैली निकाली जाती है इसमें हिन्दू समाज की एकता की बात कही जाती है और फिर सबसे आखिरी में हनुमान चालीसा का पाठ होता है। इसमें मदरसों पर बैन लगाने की बात कही जाती है ये स्वयंसेवक संघ का एक प्लान है सर्वसमाज के बैनर तले का। इसका लक्ष्य है कि ये राजस्थान के हर शहर में पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें जोड़ा जाए।

दो युवकों ने कन्हैयालाल के हत्या आरोपियों को दूर तक पीछा किया था
राजसमंद जिले के दो युवकों ने उदयपुर हत्याकांड को अंजाम देकर भाग रहे आरोपियों को दूर तक दौड़ाया था। लसानी गांव निवासी किसान शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह। इन लोगों ने न केवल पुलिस को हत्यारों की भागने की योजना बताई, बल्कि उनकी मोटरसाइकिल का नंबर और लोकेशन भी बताई। दोनों किसान युवकों ने हत्यारों को पकड़ने के लिए 35 किमी तक पीछा भी किया। इस दौरान कई बार हत्यारों ने उन्हें खंजर दिखाकर डराने की कोशिश की, लेकिन वे उनके पीछे लगे रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस उन्हें पकड़ने में कामयाब हो सकी।