ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ श्रृंगार गौरी विवाद में अब एक नया मोड़ आ गया है। मस्जिद में सर्वे पर मचे बवाल के बीच श्रृंगार गौरी मामले में शुरूआती दौर से जुड़े वैदिक सनातन संघ ने केस वापस लेने का ऐलान किया है। हिंदू पक्ष की तरफ से पांच वादियों में से एक वादी राखी सिंह कल अपना केस वापस लेंगी. हालांकि, हिंदू पक्ष का कहना है कि बाक़ी 4 वादी अपने रुख पर कायम हैं और वो केस जारी रखेंगी।
शनिवार (7 मई 2022) दोपहर को जब सर्वे का काम हो रहा था, तभी वैदिक सनातन संघ ने अपनी लीगल टीम को भंग करने का ऐलान किया था। विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने ऐलान किया कि वो मंदिर पक्ष की ओर से मामले पर दी गई याचिका वापस लेंगे। संघ के अध्यक्ष ने इस बारे में सूचना जारी कर दी है।
चार वादी लड़ेंगे केस: 4 वादी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने केस जारी रखने का फैसला किया है। वहीं, राखी सिंह के केस वापस लेने के फैसले के पीछे का कारण स्प्ष्ट नहीं है। राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन को लेकर अगस्त 2021 में वाराणसी सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने श्रृंगार गौरी और अन्य ग्रहों की स्थिति को जानने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की थी। कोर्ट के आदेश पर सर्वे होना था।
मस्जिद में नहीं मिली एंट्री: वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंचे कोर्ट कमिश्नर और उनकी टीम को शुक्रवार (5 मई 2022) को मुस्लिमों के विरोध के चलते मस्जिद में एंट्री ही नहीं दी गई। उसके बाद से सर्वे का काम भी ठप है। वहीं, दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट कमिश्वनर को बदलने की मांग के लिए याचिका दाखिल की थी जो कि खारिज हो गई थी।
ज्ञानवापी परिसर में फोर्स तैनात: मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का आदेश कोर्ट की ओर से नहीं दिया गया। लेकिन कोर्ट ने सर्वेक्षण के काम को रोकने से इंकार कर दिया गया था। जिसके बाद से ज्ञानवापी परिसर में पुलिस फोर्स और पीएसी की तैनाती की गई है। सोमवार (9 मई) को सुबह 11 बजे कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी जिसमें सभी पक्षों को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।