वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मौजूद सील वजूखाने की शनिवार को सफाई की जाएगी। हिंदू पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिला प्रशासन की देखरेख में वजूखाने की सफाई की जाएगी। हालांकि इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि कोर्ट के पिछले किसी भी आदेश की अवहेलना ना हो। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने वजूखाने की सफाई का फैसला लिया है।
क्या है मामला?
ज्ञानवापी परिसर में कमिश्नर सर्वे के बाद वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सील कर दिया गया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि वजूखाने में उस दौरान कुछ मछलियां मौजूद थी। वजूखाना सील होने के बाद उन मछलियों की मौत हो गई। चूंकि सर्वे में शिवलिंग जैसी आकृति मिली है, ऐसे में इसकी सफाई होनी चाहिए। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। इस संबंध में अदालत से कहा गया कि वह वजूखाने की सफाई के लिए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दे।
हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि वजूखाने की मछलियों की मौत 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच हुई है। इसके बाद से वजूखाने में बदबू आनी शुरू हो गई है। वहां मौजूद शिवलिंग हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है। याचिका को विष्णु शंकर जैन के जरिए फाइल किया गया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से वजूखाने की सुरक्षा में सीआरपीएफ को तैनात किया गया था। इस तैनाती के बाद से यहां पर कोई अंदर प्रवेश भी नहीं कर रहा था और ना ही इसकी देखरेख हो पा रही थी। इस संबंध में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से भी शिकायत की गई थी। कमेटी की ओर से पत्र लिखकर कहा गया कि वजूखाने की सफाई ना होने के कारण मछलियों की मौत हो गई है।