राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की फैलती आग के चलते आम जनजीवन फिर से अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘पांच फीसदी आरक्षण की मांग पर सवाई माधोपुर में आंदोलन कर रहे लोगों से मेरी अपील है कि उन्हें रेल ट्रैक पर नहीं बैठना चाहिए। उनकी मांगों पर संविधान में संशोधन के बाद ही विचार किया जा सकता है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेमो भेजना चाहिए।’
तीन मंत्रियों की समिति करेगी समाधानः राज्य की कांग्रेस सरकार ने आंदोलन के नेता किरोड़ी सिंह बैंसला से बात करने के लिए तीन सदस्यों की समिति भी बनाई है। इसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल को शामिल किया गया है। इनके अलावा कुछ आला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। समिति आंदोलनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगी।
स्थगित हुईं परीक्षाएं, जनजीवन अस्त-व्यस्तः राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड की रविवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। बोर्ड की ओर से कृषि और आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक के लिए परीक्षाएं होनी थीं। परीक्षा रद्द करने के लिए अपरिहार्य कारणों का हवाला दिया गया था लेकिन माना जा रहा है कि परीक्षा रद्द की गई हैं। कृषि पर्यवेक्षक के 1832 पदों के लिए और आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक के 309 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की जा रही थी। कई परीक्षार्थी आंदोलन के मद्देनजर एक दिन पहले शनिवार को ही परीक्षा लिए विभिन्न शहरों में पहुंच गए थे। ऐसे में अब उन्हें वापस लौटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।