साल 2002 में हुए गुलबर्ग सोसायटी कांड के 24 दोषियों के वकीलों ने गुरुवार (9 जून) को अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए लोगों के लिए सजा में नरमी की मांग की और अदालत ने संकेत दिया कि वह सजा की मात्रा पर फैसला सुनाने के लिए तारीख शुक्रवार (10 जून) को तय करेगी। इस कांड में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे।
विशेष एसआईटी अदालत दोषियों के लिए सजा तय करने से पहले हालात की गंभीरता कम करने वाले और अन्य कारकों पर बचाव पक्ष की दलीलों पर सुनवाई कर रही है। अभियोजन पक्ष ने सोमवार (6 जून) को गुलबर्ग सोसायटी कांड के लिए दोषी सभी 24 लोगों के लिए मौत की सजा की मांग की थी।
विशेष न्यायाधीश पी बी देसाई ने गुरुवार (9 जून) को आरोपी अभय भारद्वाज के वकील की दलीलें सुनीं। उन्होंने अभियोजन पक्ष के वकील की मौत की सजा या मौत होने तक उम्रकैद की सजा की मांगों के खिलाफ लंबी-चौड़ी दलीलें पेश कीं। न्यायाधीश ने कहा कि एसआईटी के वकील की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार (10 जून) को सजा की मात्रा तय करने के बारे में तारीख का फैसला किया जाएगा। अदालत ने दो जून को मामले में 24 लोगों को दोषी ठहराया था और 36 अन्य को बरी कर दिया था।