गुजरात के सूरत में पुलिस ने मीडिया पर पाबंदी लगा दी है। यहां के पुलिस कमिश्नर सतीश कुमार शर्मा ने हाल में पत्रकारों के लिए फरमान जारी किया है। पुलिस की ओर से इसमें कहा गया है कि थाने में घुसने से पहले पत्रकार अनुमति ले लें। रिपोर्टिंग के सिलसिले में उन्हें पुलिस इंस्पेक्टर या थाना प्रभारी से आज्ञा लेनी पड़ेगी। कमिश्नर ने यह बयान जारी करने के साथ मीडिया पर नियंत्रण की बात पर जोर दिया है। बता दें कि मंगलवार (3 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेक न्यूज (फर्जी खबरों) के मामले पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों को पलट दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया, “मंत्रालय अपने फैसले को वापस ले ले। यह पूरा मसला भारतीय प्रेस परिषद और प्रेस परिषद पर छोड़ दिया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में सिर्फ प्रेस परिषद को सुनवाई करने का अधिकार है।”

सोमवार (दो अप्रैल) को इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से फेक न्यूज को लेकर दिशा-निर्देश आए थे। कहा गया था कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें लिखते, कवर करते या उनका दुष्प्रचार करते पकड़ा गया, तो उसकी मान्यता पर आंच आ सकती है। यहां तक कि मान्यता रद्द भी की जा सकती है।

फेक न्यूज: PM ने पलटवाया आदेश तो स्मृति ईरानी ने की मिलकर हल निकालने की बात

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने पीएम के हस्तक्षेप के बाद जारी की गई विज्ञप्ति वापस ले ली। मंत्रालय की ओर से कहा गया, “फर्जी खबरों को नियमित करने के संबंध में दो अप्रैल, 2018 को पत्र सूचना कार्यालय से ‘पत्रकारों के मान्यता प्राप्त पत्र के लिए संशोधित दिशा-निर्देश’ शीर्षक से जारी प्रेस विज्ञप्ति वापस ली जाती है।”

फेक न्यूज पर पीएम मोदी ने पलटा स्मृति ईरानी के मंत्रालय का फैसला, कहा- वापस लें दिशा-निर्देश