गुजरात के सूरत में एक अनोखा ही मामला देखने को मिला है जहां पर एक कर्ज में डूबे व्यक्ति ने पैसा चुकाने के लिए खुद ही पैसे छापना शुरु कर दिया। पुलिस ने इस व्यक्ति और उसके तीन साथियों के नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सिटी पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने रविवार को इस नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस को आरोपियों के पास से करीब 40 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए है। ये आरोपी इस नकली राशी को मार्केट में फैलाने की तैयारी में थे। इससे पहले की ये लोग पैसों को सर्कुलेट कर पाते पुलिस ने इन्हें धर दबोचा।
पुलिस की गिरफ्त में आए इन आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय रवि गांधी, बाबूलाल (47), वासू (33) और अजय के रूप में हुई है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनसुरा रवि गांधी एक विदेशी स्टडी कंस्लटेंसी चलाया करता था। इस कारोबार में उसे काफी नुकसान हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उसने अपने कारोबार के लिए किसी से 70 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था। उसने इस कर्ज को उतारने की बहुत कोशिश की लेकर वह सफल नहीं हुआ। हर तरफ से मिलती हार के बाद रवि ने फैसला किया कि वह नकली नोट छापेगा और उससे अपना कर्ज लौटाएगा।
आरोपी से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वे तीन लाख के नकली नोटों को एक लाख रुपए में बेचने के तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने तीन आरोपियो को खरीददार ढूंढते समय गिरफ्तार किया। पांदेसेरा के रहने वाली गांधी को पुलिस ने नोट छापने वाले स्थान से गिरफ्तार किया था। पुलिस को इन आरोपी के पास से 2000, 500 और 100 रुपए के नकली नोट मिले हैं। आरोपी रवि ने पुलिस को बताया कि वह पहले असली नोटों की फोटोकॉपी करता था और फिर उन्हें आसानी से कलर प्रिंटर के जरिए उनका प्रिंट निकाल लेता था। वह एक अलग ही तरह का रंग इस्तेमाल करता जिससे नोट का सिल्वर कलर एक दम असली लगता था।