गुजरात विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पाटीदार अनामत आंदोलन (PAAS) समिति के नेता हार्दिक पटेल को जोरदार झटका लगा है। उनको यह झटका उनके करीबी ने ही दिया है। गुजरात चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से कुछ ही घंटों पहले हार्दिक पटेल के नजदीकी कहे जाने वाले PAAS के बड़े नेता दिनेश बांभानिया ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पाटीदारों को ओबीसी कोटे में शामिल किए जाने की बात नहीं कही गई है और आरक्षण वाली बात कहीं पीछे छूट गई है। इसके अलावा उन्होंने हार्दिक की कथित सेक्स सीडी पर भी सवाल खड़े किए हैं। बांभानिया का कहना है कि एक सीडी के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है लेकिन सभी के साथ नहीं। रिपोर्ट्स हैं कि दिनेश बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बांभानिया का कहना है कि हार्दिक पाटीदार समुदाय का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं और अब यह आंदोलन राजनीतिक हो गया है।

PASS के सह समन्वयक दिनेश बांभानिया गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक पटेल का साथ छोड़ने वाले चौथे नेता हैं। उनसे पहले नवंबर में अमरीश और खेतान पटेल ने हार्दिक का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी। इसके साथ ही हार्दिक के काफी करीबी माने जाने वाले चिराग पटेल भी आंदोलन का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। हार्दिक पटेल को बांभानिया के इस्तीफे के अलावा शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद स्थानीय पुलिस ने हार्दिक के खिलाफ तय शर्तों को तोड़ने के मामले में केस दर्ज किया है। पाटीदार नेता ने जनक्रांति महारैली के लिए चुनाव अयोग से मंजूरी ली थी। कुछ शर्तों के साथ उनकी चुनावी सभा को अनुमति दी गई थी। लेकिन, उन पर इन शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। मामला संज्ञान में आने पर आयोग ने आगे की कार्रवाई करते हुए स्थानीय सरथना पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इस पर अमल करते हुए उनके खिलाफ धारा 36, 134 और 72(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।

बता दें कि गुजरात में 182 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर को है, जिसमें 89 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे तो वहीं दूसरे चरण के लिए मतदान 14 दिसंबर को है, इस दिन बाकी 93 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। वोटिंग के परिणामों का ऐलान 18 दिसंबर को होगा।