गुजरात पुलिस ने एक डॉक्टर के भाई को कार चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, बावला इलाके के इस डॉक्टर को अपने भाई के साथ मिलकर कार चुराने का शौक था। अहमदाबाद में प्रैक्टिस करने वाला डॉ. हरेश मनिया शाम ढलते ही कार चोर बन जाया करता ​था। फिलहाल डॉ. मनिया गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया है। जबकि गुजरात पुलिस ने मनिया के भाई अरविंद को उसके दो साथियों के साथ धर दबोचा है। पुलिस ने बताया कि ये ​लोग बीते पांच सालों से कारें चुरा रहे हैं। इस अवधि में इन लोगों ने करीब 251 कारें चुराकर राजकोट के कार डीलरों को बेच दी थीं।

गुजरात पुलिस की अपराध शाखा के उप निरीक्षक जेएन चावड़ा ने मीडिया को बताया,”क्राइम बांच ने अब तक इस गिरोह से 28 कारें बरामद की हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड डॉ. हरेश मनिया फिलहाल फरार है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है। इस मामले के अन्य आरोपियों में राजकोट के दो कार डीलर ताहिर वोरा और सलीम शेख भी शामिल हैं। गैंग की कारगुजारियां उस वक्त उजागर हुईं, जब थलतेज में बीते 30 जुलाई को पुलिस ने अरविंद को एक पेट्रोल पंप से गिरफ्तार किया था। पुलिस को शक था कि जिस कार को वह चला रहा था, वह चोरी की थी। बाद में जब क्राइम ब्रांच ने उससे पूछताछ की तो उसने आरोप स्वीकार कर लिए।

पुलिस के मुताबिक अरविंद ने अपने भाई डॉ. हरेश के साथ मिलकर पहली कार साल 2014 में चुराई थी। इसके बाद से वह अब तक लगभग 251 कारें चुरा चुका है। अरविंद के मुताबिक, हरेश को कारों के ताले तोड़ने में महारत हासिल थी। हरेश एसजी हाइवे की लेन में पार्क होने वाली गाड़ियों के ताले तोड़ा करता था। इसके बाद वह कार चलाकर उन्हें बावला ले आया करता था। ये जगह सानंद और वैष्णो देवी सर्किल के बीच में पड़ती है। अरविंद ने बताया कि कार के बावला आने के बाद दो दिन के भीतर उनकी नंबर प्लेट बदल दी जाती थी। इसके बाद अरविंद इस कार को चलाकर राजकोट ले जाया करता था। राजकोट जाने के लिए वह शहर के अंदर के रास्तों का इस्तेमाल करता था ताकि उसे टोल नाके और सीसीटीवी से बचाया जा सके।

राजकोट में वोरा और शेख ये कारें खरीद लिया करते थे। इसके बाद वह कार का रंग बदल दिया करते थे। थोड़े—बहुत बदलाव के बाद वह उन्हें दोबारा बेच दिया करते थे। म​निया बंधु हर कार से 30 से 35 हजार रुपये का मुनाफा कमाया करते थे। इस पैसे को वह आपस में बांट लिया करते थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इन दोनों ने 90 फीसदी कारें एसजी हाइवे, वस्त्रपुर और सोला इलाकों से चुराई हैं। उम्मीद है कि चुराई हुई कारों की संख्या और इस रैकेट में शामिल लोगों की संख्या आगे पूछताछ में और भी बढ़ सकती है।