ऐश्वर्या मोहंती

गुजरात के दाहोद जिले के धनपुर तालुका में नवंबर महीने के मध्य में एक तेंदुए ने अचानक हमला कर तीन लोगों को मार डाला। वहीं, पांच को घायल कर दिया। तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल में 9 पिंजरे लगाए गए। शुक्रवार (30 नवंबर) को इन्हीं 9 पिंजरों में से एक में वन विभाग के अधिकारियों को बैठा दिया गया। तेंदुए के आने वाले संभावित जगहों में से एक जगह पर वन विभाग के तीन अधिकारी चार घंटे तक पिंजरे में बैठे रहे। वहीं, अन्य आठ जगहों पर लगाए गए पिंजरे में जानवरों को बंद किया गया था। इन तीनों अधिकारियों में फॉरेस्ट गार्ड विजय बमनिया, एक शूटर और एक वेटनरी डॉक्टर शामिल थे। इस मामले पर पूरे मिशन की देखरेख कर रहे वडोदरा सर्किल वन मुख्य संरक्षक एसके श्रीवास्तव ने कहा, “वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस तरह के प्रयोग की जरूरत हुई”

श्रीवास्तव ने सुनिश्चित किया कि पिंजरा पूरी तरीके से बंद था। साथ ही उन्होंने कहा कि, “पहले हमने पिंजरे के अंदर बकरियों को रखा, लेकिन इससे किसी तरह का फायदा नहीं हुआ। अब इसमें आदमियों को रखा गया, जो पूरी तरीके से बंद है। जैसे ही उन्हें तेंदुए दिखाई देंगे, वे दूसरों को अलर्ट कर देंगे।” पिंजरे में बंद होने वाले फॉरेस्ट गार्ड बमनिया ने कहा कि मैंने इसे मानव जीवन की रक्षा के लिए अपने ड्यूटी के रूप में देखा। उन्होंने कहा, “हमारा प्रमुख मकसद तेंदुए को पकड़ना और मानव जीवन की रक्षा करना है। हम भयभीत नहीं हैं। हमने शुक्रवार को शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक का समय पिंजरे में बिताया। हमारे पास एक टॉर्च था। वहीं, एक बकरी को भी खुले में बांधा गया था। हमारे पास एक मशीन भी थी, जिससे बकरी के जैसा आवाज निकलता था ताकि तेंदुए को आकर्षित किया जा सके। हमने आसपास कुछ सूखे पत्ते भी रख दिए थे ताकि तेंदुए के आने की सरसराहट सुनाई दे सके।”

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ससान गिर की एक टीम समेत तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग के 200 अधिकारी धनपुर वन रेंज में घूम रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि पिंजरे में मानवों को रखने का विचार तेंदुए को पकड़ने का एक प्रयास था। उन्होंने कहा,” एक उत्साही टीम ने कहा कि वे जंगल में बैठ सकते है। लेकिन यह भी संभव हो सकता था कि तेंदुआ कहीं पेड़ पर छिपा हो, इसलिए वे पूरी तैयारी के साथ गए थे। उनकी सहायता के लिए एक टीम भी तैयार थी।” वन अधिकारियों को संदेह है कि तेंदुआ मध्यप्रदेश में अलीराजपुर जंगलों में जा सकता है। अधिकारियों ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में कोई तेंदुए द्वारा किसी तरह के हमले की घटना सामने नहीं आयी है। हमने देखा कि आखिरी फुट मार्क यह दिखाता है कि तेंदुआ मध्य प्रदेश की ओर बढ़ा है।”