गुजरात की रूपाणी सरकार ने राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान लागू करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही पीएम मोदी का गृह राज्य गरीब सवर्णों को आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को जानकारी दी कि राज्य में इस आरक्षण को 14 जनवरी से शिक्षा संस्थानों और सरकारी नौकरी में लागू कर दिया जाएगा।
Gujarat CM Vijay Rupani decides to implement 10% reservation given by Central Government in government jobs and education to economically weaker section in the general category, from 14 January 2019. (File pic) pic.twitter.com/L7cJKoj91h
— ANI (@ANI) January 13, 2019
बता दें कि सवर्ण आरक्षण बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। शनिवार को राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का 124वां संविधान संशोधन बिल 9 जनवरी को राज्यसभा में पास हो गया था। बिल के पक्ष में 165 और विरोध में 7 वोट पड़े थे। इस बिल पर रात 10 बजे के बाद वोटिंग कराई गई थी।
आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के उन लोगों को मिलेगा जिनकी सालाना आय 8 लाख तक और जिनके पास 5 एकड़ तक जमीन होगी। जिन सवर्णों के पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी, वह इस आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में जिन सामान्य वर्ग के लोगों के पास 100 गज से कम का आवासीय प्लॉट होगा, वह भी इस आरक्षण का फायदा उठा पाएंगे। इसके साथ ही जिन सवर्णों के पास नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट होगा, वह भी इसके पात्र होंगे। हालांकि सरकार ने कहा है कि 8 लाख की सीमा में समय समय पर बदलाव किए जा सकते हैं।