गुजरात के भरूच जिले में दो गरबा कार्यक्रमों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। यह फैसला विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रदर्शन के बाद लिया गया है। वीएचपी ने बरूच में दो गरबा आयोजनों का विरोध किया था, जिनके आयोजक मुस्लिम थे। वीएचपी सदस्यों ने इस मामले में डीएम को ज्ञापन सौंपकर मुस्लिम के गरबा में प्रवेश पर बैन लगाने की मांग की है। शहर में आयोजित दो गरबा आयोजनों में दुधारा डेरी मैदान में होने वाले आयोजकों में आसिफ पटेल शामिल थे। दूसरा गरबा इवेंट शहजादा शेख नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से आयोजित किया गया था, इसमें उनके साथ दो और आयोजक भी शामिल है।
रास-ए-बरूच के आयोजक जयदीप सिंह ने बताया कि आसिफ पटेल को हमने आयोजन में पार्टनर बनाया था क्योंकि उनके बॉलिवुड में अच्छे संबंध हैं, लेकिन वीएचपी के विरोध के बाद हमने बैनर से आसिफ का नाम हटा दिया है। हम आयोजन के टिकट और पास मुस्लिमों को नहीं जारी करेंगे और पहचान पत्र देखने बाद ही गरबा के टिकट मिल सकेंगे। वहीं आसिफ पटेल ने बताया कि वीएचपी के विरोध के बाद हमने फैसला किया है कि मुसिलमों को गरबा ग्राउंड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। आसिफ पटेल ने बताया कि हम मुस्लिमों को पास और टिकट नहीं बेचेंगे। उन्होंने कहा कि वीएचपी के विरोध के बाद बैनर से मैंने अपना नाम हटवा दिया है। अगर वह डिमांड करेंगे तो मैं मैदान के अंदर भी प्रवेश नहीं करुंगा।
इंडियन एक्सप्रेस से बाचतीच में दक्षिण गुजरात वीएचपी के ज्वाइंट सेक्रेटरी विरल देसाई ने बताया कि ज्ञापन सौंपकर हमने प्रशासन से कहा है कि इस तरह के आयोजन में मुस्लिमों के हिस्सा लेने से शहर का शांतिपूर्ण माहौल खराब होगा। अगर मुस्लिम गरबा कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, तो बहुत से मुस्लिम इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जो कि छेड़छाड़ को बढ़ावा देगा। इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होंगी, इसी के चलते हमने डीएम से इस तरह के आयोजनों को मंजूरी नहीं देने की मांग की है। वीएचपी ने अपने ज्ञापन में जम्मू-कश्मीर में हुए उरी आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है। वीएचपी का आरोप है कि कुछ मुस्लिम इस त्योहार को बिजनेस की तरह देख रहे हैं। इस तरह के आयोजन के पीछे उनकी मंशा सिर्फ पैसा बनाने की है।