दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (22 जुलाई) को गुजरात जाकर एक विवाद को जन्म दे दिया। केजरीवाल यहां पर दलित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे जिन्हें कुछ गौ-रक्षकों ने गाय की चमड़ी निकालने के आरोप में मरा था। हालाकिं, केजरीवाल उन लोगों के साथ दलित युवा कांती मुलजी वाला से भी मिले। कांती वही शख्स है जिसपर हेड कांस्टेबल पंजक अमरेलिया की हत्या का आरोप है। पकंज राजकोट सिविल हॉस्पिटल में भर्ती है, यह वही हॉस्पिटल है जहां पर दलित परिवार के दो लोग और घटना के बाद सुसाइड करने वाले कुछ लोगों का इलाज चल रहा है। उन लोगों के अलावा केजरीवाल कांती के भी मिले। इस बारे में केजरीवाल से पूछा गया कि वह मर्डर के आरोपी से क्यों मिले ? इसपर उन्होंने जवाब दिया कि वह कांस्टेबल के परिवारवालों से भी मिलने के लिए अमरेली गए थे।

हॉस्पिटल में भर्ती दलित लोगों (जिन्होंने सुसाइड की कोशिश की थी) से मिलने के बाद केजरीवाल बोले, ‘मैंने उन लोगों से पूछा उन लोगों से पूछा कि तुम लोग सुसाइड क्यों करना चाहते हो, तो उन्होंने कहा कि गुजरात में दलितों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहा है। मैंने उनसे कहा कि सुसाइड करना इसका समाधान नहीं है। हम लोगों को इसके लिए मिलकर लड़ना होगा।’

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केजरीवाल ने अपने बयान में गुजरात की बीजेपी सरकार को दलित विरोधी भी बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना दलितों पर हो रहे अत्याचार को दिखाती है। केजरीवाल ने बीजेपी को धमकी देते हुए यह भी कहा कि दलित समुदाय के लोग बीजेपी को ‘सबक’ जरूर सिखाएंगे। केजरीवाल से पहले राहुल गांधी भी दलित परिवार से मिलने के लिए गुजरात गए थे।