केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने पर गुजरात के मनसुखभाई वसावा ने अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। वसावा आदिवासी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। उन्होंने केन्द्र और गुजरात सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्री जुअल ओराम, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और राज्य के वित्तमंत्री सौरभ पटेल ने ‘प्रधानमंत्री से उनकी शिकायत’ की है। उन्होंने कहा कि ‘जिस तरह पार्टी और सरकार ने मुझे इस्तीफा देने को मजबूर किया’, उस बारे में ‘कोई भी सच बोलने का दुस्साहस नहीं करेगा।’
भरूच से भाजपा सांसद वसावा ने कहा, ‘गुजरात की सीएम, सौरभभाई, मेरे कैबिनेट मंत्री ने मिलकर पीएम से मेरे खिलाफ शिकायत की।” उन्होंने कहा कि उन्हें ‘ऐसे ही’ परिणाम की उम्मीद थी। उनके मुताबिक, ”मैं पारदर्शी तरीके से काम कर रहा था जिसके बारे में पार्टी और सरकार बात कर रही थी। मैं कुछ भी गलत होने पर सबका ध्यान उस तरफ ले आता था।” वसावा के अनुसार, आदिवासी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी सरकारी फंड का दुरुपयोग निजी यात्राओं के लिए कर रहे थे। उनका कहना है कि उन्हें इस वजह से हटाया गया क्योंकि वह आदिवासियों से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बोलते थे, खासतौर से गुजरात के।
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जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह पार्टी से इस्तीफा देंगे, वसावा ने कहा, ”बिलकुल नहीं। मैं पार्टी की विचारधारा के अनुसार काम करता रहूंगा और कुछ भी गलत होगा तो उसे सबको बताऊंगा। अब मेरे पास जिम्मेदारियां कम हैं तो मैं आदिवासियों के हितों के लिए काम करूंगा।”