मोदी सरकार द्वारा बड़े नोट बंद किए जाने के बाद से काला धन बाहर आने लगा है। इसी दौरान खबरें आ रही हैं कि सूरत के डायमंड कारोबारी लालजी भाई पटेल ने 6000 करोड़ के पुराने नोट सरकार के पास जमा कराए हैं। इसे कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विमुद्रीकरण नीति (demonetisation policy) की कामयाबी के रूप में चर्चित कर रहे हैं। हालांकि लालजी भाई पटेल ने इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए इसे फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट स्थानीय मीडिया में भी चल रही है। एबीपी अस्मिता चैनल के एक वीडियो में लालजी भाई इस मुद्दे पर सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में प्रेषित किए गए संदेशों में उन्हें बिल्डर बताया जा रहा है। मैं बिल्डर नहीं, हीरा व्यापारी हूं और मेरे नाम से चल रही खबरें झूठी और मनगढ़ंत है। लालजी पटेल वहीं शख्स के जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूट 4.31 करोड़ में खरीदा था।

पटेल अपने कर्मचारियों को गिफ्ट में कार, ज्वैलरी और अन्य कीमती सामान देने के लिए ही नहीं बल्कि और भी वजहों से चर्चा में रहे हैं। लालजी भाई पटेल ने हाल ही में बालिका शिक्षा के लिए 200 करोड़ रुपए दान दिया था। उन्होंने इस राशि को 10 हजार लड़कियों की शिक्षा के लिए दान कि‍ए। एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कंपनी का सालाना 6000 करोड़ का रेवेन्यू जेनरेट करती है। रेडिफ की रिपोर्ट के मुताबिक वह भारत के सातवें सबसे अमीर ज्वैलर हैं। उनकी कुल संपत्ति 480 मिलियन डॉलर बताई जाती है।

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक सूट पहना गया था। जिसे लेकर काफी चर्चाएं हुई थी। उस सूट को किसी और ने नहीं बल्कि लालजी भाई पटेल ने ही खरीदा था। इस सूट की खासियत यह है कि इसमें उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी लिखा हुआ है। सूट को पटेल ने नीलामी में 4 करोड़ 31 लाख 31 हजार 311 रुपये की बोली लगाकर खरीदा था। इस सूट को नीलामी में बिके सबसे मंहगे सूट का दर्जा मिला हुआ है। इसके इस सूट को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह दी गई है।

वीडियो: लालजी भाई ने 6000 करोड़ सरेंडर करने को लेकर चल रही खबरों पर दी सफाई

वीडियो: पीएम मोदी बोले- अरे पापियों, गंगा में नोट बहाकर भी आपका पाप धुलने वाला नहीं