पुलवामा आतंकी हमले के बाद गजुरात में एक सैनिक की पत्नी नहीं चाहती थी कि पति ड्यूटी पर वापस जाए। उसे डर था कि कहीं उसका पति भी देश के लिए शहीद न हो जाए, लिहाजा उसने मना किया। काफी कहने के बाद भी सैनिक उसकी बात नहीं माना तो पत्नी ने फांसी लगा ली। ‘टीओआई’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामला शनिवार (16 फरवरी, 2019) रात द्वारका जिले के खंभालिया का है।
योगेश्वर नगर क्षेत्र स्थित घर पर भूपेंद्र सिंह को पत्नी मीनाक्षी जेठवा (22) का शव पंखे से लटका मिला था, जिसके बाद उनके होश उड़ गए थे। जेठवा, जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात हैं। पीड़ित परिवार ने अखबार को बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी लेकर घर आए थे।
पुलिस के अनुसार, “हमें बताया गया था कि गुलमर्ग में जेठवा हिमस्खलन के दौरान बाल-बाल बचे थे।” उनकी पत्नी इसी बात से काफी डरी हुई थीं। महिला सब-इंस्पेक्टर केएन जडेजा ने अंग्रेजी अखबार से कहा, “मीनाक्षी का उस घटना को लेकर डर बरकरार था और इसी बीच पुलवामा में आतंकी हमला हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। महिला इस बात से और भी घबरा गई थी।”
दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। ताजा मामले में पत्नी ने जेठवा को ड्यूटी पर जाने से रोका था, पर छुट्टियां खत्म होने के कारण जेठवा का वापस लौटना भी जरूरी था। ऐसे में उन्होंने रुकने से मना कर दिया था। शनिवार रात जेठवा और अन्य परिजन किसी कार्यक्रम से लौट कर घर आए, तब मीनाक्षी का कमरा अंदर से बंद था।
सबने सोचा कि वह सो रही होगी, लिहाजा उन्होंने दरवाजा नहीं खटखटाया। अगली सुबह कमरा नहीं खुला, तब उन सबको गड़बड़ी का शक हुआ। जेठवा ने इसके बाद किसी तरह कमरा खोला, जिसके बाद उन्हें लाश पंखे से लटकते हुए मिली। परिजन ने फिर पुलिस को मामले की जानकारी दी। पीड़ित परिवार मीनाक्षी के खुदकुशी कर लेने से गम और सकते में है, लिहाजा पुलिस उनके बयान नहीं दर्ज कर सकी।

