सूरत एंटी करप्शन ब्यूरो ने शनिवार को शहर के चार पार्षदों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरु की है। जिन नेताओं के खिलाफ जांच शुरु की गई है, उनमें भाजपा के तीन पार्षद और कांग्रेस के एक पार्षद शामिल हैं। सूरत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इन चारों पार्षदों को बीते 2 साल के दौरान रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी पार्षदों में से तीन को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हालांकि अभी वह जमानत पर बाहर हैं। एसीबी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल केशव कुमार के निर्देश पर असिस्टेंट डायरेक्टर एनपी गोहिल ने मामले की जांच शुरु की है।
ये हैं आरोपीः जिन पार्षदों के खिलाफ सूरत एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरु की है, उनमें मीना राठौड़, नैंसी सुमरा, जयंती भंडारी और लीला सोनावने का नाम शामिल है। एसीबी के अनुसार, आरोपी पार्षदों में से मीना राठौड़, नैंसी सुमरा और जयंतीलाल भंडारी भाजपा के नेता हैं, वहीं लीलाबेन सोनावने कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं। सूरत एसीबी ने अनुसार, शहर के वार्ड नंबर 25 से पार्षद मीना राठौड़ को रिश्वत लेने के मामले में से सबसे पहले 23 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। मीना राठौड़ के पति दिनेश राठौड़ को एसीबी ने एक बिल्डर से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। बाद में मामले में मीना राठौड़ की संलिप्तता सामने आने पर एसीबी ने उन्हें भी गिरफ्तार किया था।
सूरत के वार्ड नंबर 11 से भाजपा पार्षद नैंसी सुमरा को 22 अगस्त, 2018 में गिरफ्तार किया गया था। नैंसी के पिता मोहन समुरा और भाई प्रिंस को एसीबी ने 55 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। वार्ड नंबर 8 से भाजपा पार्षद जयंतीलाल भंडारी के खिलाफ 7 फरवरी, 2019 को एक मामला दर्ज किया गया था। जयंतीलाल भंडारी एक स्थानीय डॉक्टर से करीब 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते धरे गए थे। खबर आयी है कि सूरत भाजपा अध्यक्ष नितिन भजियावाला ने तीनों आरोपी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
चौथी आरोपी कांग्रेस पार्षद लीलाबेन सोनावने हैं, जिनके बेटे को एसीबी ने करीब 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए बीती 27 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने इस मामले में कांग्रेस पार्षद के बयान दर्ज कराए हैं। सूरत कांग्रेस अध्यक्ष बाबूभाई राइका ने आरोपी कांग्रेस पार्षद को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। बता दें कि सूरत में पार्षदों की 116 सीटें हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। मौजूदा वक्त में सूरत म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में 80 पार्षद भाजपा के और 36 पार्षद कांग्रेस के हैं। खबर के अनुसार, बीते 2 सालों में एसीबी ने रिश्वत के 7 मामले रजिस्टर्ड किए हैं। इनमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, डिप्टी इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं।

