गुजरात सरकार ने मंगलवार को 5 पुलिस अधिकारियों को प्रमोशन देते हुए उन्हें डीआईजी (DIG-Deputy Inspector General) की रैंक से प्रमोट कर IGP (Inspector General of Police) रैंक में शामिल कर लिया। खास बात ये है कि जिन पुलिस अधिकारियों का प्रमोशन हुआ है, उनमें इशरत जहां एनकाउंटर केस के आरोपी और फिलहाल जमानत पर बाहर आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल का भी नाम शामिल है। जीएल सिंघल के अलावा प्रमोशन पाने वाले पुलिस अधिकारियों में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के आरोपी विपुल अग्रवाल का नाम भी शामिल है। बता दें कि विपुल अग्रवाल को हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के मामले में बरी किया है। विपुल अग्रवाल फिलहाल अहमदाबाद में एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर तैनात हैं। बीते अगस्त में सीबीआई की अदालत ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा और एमएन दिनेश को भी बरी कर दिया था। अब तक इस मामले में 38 में से 15 आरोपियों को बरी किया जा चुका है।

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में आईपीएस विपुल अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें गुजरात सरकार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था। नवंबर, 2014 में जमानत पर बाहर आने के बाद सरकार ने विपुल अग्रवाल को फिर से सेवा में शामिल कर लिया था। इशरत जहां केस में आरोपी बनाए जाने के बाद जीएल सिंघल को फरवरी, 2013 में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया कि तत्कालीन एसीपी, अहमदाबाद जीएल सिंघल इशरत जहां और उसके साथियों के अपहरण और उनके एनकाउंटर में शामिल थे। फिलहाल जीएल सिंघल गुजरात के गांधीनगर स्थित कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हैं।

बता दें कि साल 2004 में हुए एनकाउंटर में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना औऱ जीशान जोहर को आतंकी बताते हुए ढेर कर दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया हैं। पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को बीते साल सीबीआई अदालत ने इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया था।