गुजरात गोसेवा और गोचर विकास बोर्ड ने गोरक्षा को बढ़ावा देने के लिए गाय के महत्व पर ईसा मसीह और पैगंबर मोहम्मद के हवाले से उनके बयान लिखे हैं। बोर्ड ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर ‘गो वंदना-कार्य सरिता’ नाम से एक पब्लिकेशन अपलोड किया है। इसमें पैगंबर मोहम्मद के हवाले से लिखा गया है, ‘गायों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि पशुओं में यह सबसे बेहतर जानवर है। गाय का दूध और घी अमृत की तरह है। गाय का मांस खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं।’ वहीं ईसा मसीह के हवाले से लिखा गया है, ‘गोवंश की हत्या एक इंसान की हत्या करने के बराबर पाप है। हालांकि, एक मौलवी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने अपनी जिंदगी में कभी गाय देखी ही नहीं होगी तो वे इस पर कैसे बयान दे सकते हैं।

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने जमियत-ई-उलेमा-आई-हिंद के गुजरात चैप्टर के जनरल सेक्रेट्री मुफ्ती अब्दुल कयूम हक के हवाले से लिखा है, ‘पैंगबर ने अपनी जिंदगी में कभी गाय देखी ही नहीं होगी। अरब में पैगंबर जहां रहते थें, वहां गायें कहा थीं। वे कभी अरब से बाहर भी नहीं गए। उनके लिए गाय देखना और उसका महत्व बताना संभव नहीं है। गो रक्षा से जुड़े लोग अक्सर महान शख्सियतों के हवाले से उनके गलत विचार फैलाते रहते हैं।’ वहीं लोयला हॉल हाई स्कूल के प्रिंसिपल फादर एफ दुरई ने कहा, ‘ईसा मसीह ने हर जानवर के लिए दया बरतने को कहा है, लेकिन उन्होंने विशेषकर गायों को लिए कभी कुछ नहीं कहा। मुझे नहीं लगता कि ईसा मसीह ने कभी गायों के बारे में कुछ कहा था, शास्त्रों में भी इसका कोई जिक्र नहीं है।’

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बोर्ड के चेयरमैन का कहना है, ‘हमने पैगंबर मोहम्मद और ईसा मसीह के गायों के लिए विचार आधाकारिक सूत्र से लिए हैं। अगर लोग बीफ खान बंद कर दें तो गायों की हत्या अपने आप ही रुक जाएगी।’

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