गुजरात में 10 लोगों के एक परिवार ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु देने की मांग की है। दरअसल पीड़ित परिवार सूदखोरों के उत्पीड़न से परेशान है और इसी के चलते पूरे परिवार ने प्रशासन से इच्छामृत्यु देने की मांग की है। घटना गुजरात के कालोल इलाके की है। पंचमहल के जिला कलेक्टर को दिए अपने ज्ञापन में परिवार के मुखिया गिरधर कुडिया ने आरोप लगाया है कि जितेन्द्र जसवानी और इकबालशा दीवान ने उनके बड़े बेटे पंकज को नोटबंदी के समय साल 2016 में 30 लाख रुपए उधार दिए थे। लेकिन पंकज रकम नहीं लौटा सका और बीते साल नवंबर में घर से फरार हो गया।
गिरधर कुडिया का आरोप है कि पंकज के फरार होने के बाद दोनों सूदखोर अब उनके परिवार से उधार दिए गए 30 लाख रुपए पर 30 प्रतिशत का ब्याज लगाकर कुल 1 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। बता दें कि प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में गिरधर कुडिया, उनकी पत्नी, उनके 4 बेटों और उनकी पत्नियों के नाम शामिल हैं। ज्ञापन के अनुसार, गिरधर और उनके 4 बेटे साथ रहते हैं, जबकि उधार लेने वाला बड़ा बेटा पंकज अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग रहता है और गारमेंट का बिजनेस करता है। पंकज के गायब होने के बाद गिरधर कुडिया ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी थी, लेकिन अभी तक पंकज के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
पीड़ित गिरधर का कहना है कि बीते साल 9 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी, 2018 तक जसवानी और दीवान ने अपने परिवार के 8 लोगों के साथ मिलकर उनके परिवार को धमकाया। धमकाने वाले लोगों में 5 महिलाएं भी शामिल थीं, जिनके हाथ में धारदार हथियार भी थे। गिरधर के अनुसार, पंकज की दुकान अब उनके (सूदखोरों) के कब्जे में है और वह उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद नहीं कर रही है और सूदखोरों का ही पक्ष ले रही है, क्योंकि वह धनी लोग हैं और हम गरीब और पिछड़ी जाति के। परिवार द्वारा इच्छामृत्यु मांगने के मुद्दे पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि एसपी को इस मामले की छानबीन करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा क्षमता के अनुसार, पीड़ित परिवार की मदद करने की कोशिश की जाएगी।