AAP MLA Chaitar Vasava: गुजरात के नर्मदा जिले के एक कोर्ट ने हत्या की कोशिश के मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। चैतर के वकीलों ने कहा है कि विधायक अब जमानत याचिका के लिए गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पब्लिक प्रोसिक्यूटर जितेंद्र सिंह गोहिल की तरफ से दी गई इस दलील पर विचार करते हुए कि फॉरेस्ट ऑफिसर्स पर हमले के एक कथित मामले में उनको सशर्त जमानत दी गई थी। फिर कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

गोहिल ने तर्क दिया था कि चैतर को इस शर्त पर सशर्त जमानत दी गई थी कि वह दोबारा ऐसा अपराध नहीं करेंगे। हालांकि, 5 जुलाई की घटना के लिए उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि घटना के दौरान, चैतर ने कमरे में मौजूद एक महिला नेता के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था।

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

एडिशनल सेशन जज एवी हिरपारा ने अपने आदेश में कहा, ‘इससे पहले भी चैतर पर 18 मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया था और उसे PASA के तहत जेल भेजा गया था और शारीरिक हमले के एक अन्य मामले में उसे छह महीने की कैद की सजा भी सुनाई गई थी। जब उसे प्रोबेशन पर रिहा किया गया, तो उसने एक और क्राइम किया, जिसे रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। लेकिन अदालत के आदेश और चैतर के वकील द्वारा प्रस्तुत तर्क उसके मामले की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत ऑडियो-वीडियो ट्रांसक्रिप्ट और दिखाए गए फुटेज से संकेत मिलता है कि अगर उसे जमानत नहीं दी गई तो सरकारी संपत्ति और कार्यालयों में तोड़फोड़ की जाएगी। इस समय (चैतर) के आवेदन पर विचार करना उचित नहीं लगता।’

अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत

क्या था पूरा मामला?

नर्मदा जिले में शनिवार को तालुका पंचायत ऑफिस में एक मीटिंग के दौरान बीजेपी नेता और आप विधायक चैतर बसावा के बीच हाथापाई के बाद विधायक को अरेस्ट कर लिया गया था। एसपी प्रशांत सुम्बे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘चैतर वसावा और बीजेपी नेता व डेडियापाड़ा तालुका पंचायत अध्यक्ष संजय वसावा के बीच झड़प हुई थी। डेडियापाड़ा के एसडीएम एसडी संगाडा ने हमें अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। संजय वसावा ने चैतर वसावा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।’ पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें…