Pulwama Attack का मंजर देखकर लौटे गुजरात के एक नवविवाहित दंपती ने घटनास्थल के खौफनाक मंजर को बयां किया है। ये कपल गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है। जब यह घटना हुई तो अपना हनीमून मनाने कश्मीर गए नीरव और जल्पा देसाई घटनास्थल से चंद किमी दूर थे। वे पुलवामा से होते हुए पहलगाम जा रहे थे। उन्होंने अपना हनीमून कैंसिल कर वापस लौटने के बाद वहां के हालात को बयां किया है।
‘हम डरे हुए थे लेकिन वहां के लोग सामान्य थे’: प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब अवंतीपुरा में नेशनल हाइवे पर फिदायीन हमला हुआ तो अचानक हलचल मच गई। उन्होंने बताया कि घटना के दौरान कुछ समझ नहीं आया। गाड़ी का ड्राइवर भी स्थानीय कश्मीरी था लेकिन वो भी कुछ नहीं समझ पाया। उन्होंने बताया, ‘लेकिन जैसे ही गाड़ी आगे बढ़ी सेना ने और सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें पहलगाम जाने देने की बजाए वापस श्रीनगर भेज दिया। सेना जिस तरह वहां से लोगों को हटा रही थी वो देख हम काफी डर गए। थोड़ी ही देर में दोनों के घर से फोन आने लगे। हमें काफी डर लग रहा था लेकिन वहां के लोग देखने में बेहद सामान्य लग रहे थे।’
Pulwama attack: भारत सरकार ने अब तक क्या किया?
एयरपोर्ट तक जाने में छह बार हुई चेकिंगः जल्पा ने बताया कि उन्होंने पहली बार ऐसा डर महसूस किया। 14 फरवरी को हुए हमले में 40 जवानों के शहीद होने की खबर सुनते ही उन्होंने श्रीनगर से वापस अहमदाबाद लौटने का फैसला कर लिया। होटल से एयरपोर्ट तक थोड़ी-सी दूरी में ही छह बार उनकी चेकिंग की गई। उल्लेखीय है कश्मीर को वहां की खूबसूरत वादियों और कुदरती नजारों के लिए धरती का स्वर्ग कहा जाता है लेकिन लंबे समय से यहां फैलती जा रही आतंक की जड़ों ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया है। पर्यटन कश्मीर के रोजगार और राजस्व के प्रमुख स्रोतों में शामिल है लेकिन आतंक के चलते पर्यटक वहां जाने से कतराने लगे हैं।