केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर सांसद निधि के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। गुजरात के आणंद के डीएम ने ठेकेदार को 4.8 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है। रकम के साथ 18 फीसदी सालाना ब्याज भी लिया जाएगा। स्मृति ईरानी पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और आणंद जिले की आंकलव सीट से विधायक अमित चावड़ा ने आरोप लगाए हैं। अमित चावड़ा ने एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट कर स्मृति ईरानी पर आरोप लगाए। अमित चावड़ा ने ट्वीट में लिखा- ”स्मृति ईरानी ने आणंद जिले के माघरोल को मॉडल विलेज बनाने के लिए गोद लिया और उन्होंने इसे भ्रष्टाचार और शक्ति का स्पष्ट दुरुपयोग करने का मॉडल बानाने के लिए शानदार काम किया। उन्होंने अपने एमपीएलएडी योजना (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) के तहत प्राप्त निधि का दुरुपयोग किया।” चावड़ा ने दूसरे ट्वीट में लिखा- ”स्मृति ईरानी ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से सांसद निधि का इस्तेमाल किया। इसके अतिरिक्त स्मृति ईरानी ने और उनके स्टाफ ने अधिकारी को शारदा मजूर कामदार सहकारी मंडली को कॉन्ट्रेक्ट देने लिए मजबूर किया।”
चावड़ा ने इसके बाद लिखा- ”इस मानदंड का भी उल्लंघन किया गया कि पीएमएलएडी योजना के तहत एक समूह को 50 लाख रुपये से ज्यादा के कॉन्ट्रेक्ट नहीं दिए जा सकते हैं। इस सहकारी को निर्धारित सीमा से ऊपर कई बार काम का कॉन्ट्रेक्ट मिला। जून 2017 के महीने में निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया था कि काम उम्मीद के मुताबिक नहीं किया गया और आनुमानित और वास्तविक लागत के बीच विसंगति मिली थी। यह भी कि यद्यपि कई मामलों में परियोजनाओं को कभी पूरा नहीं किया गया लेकिन इस संदेहपूर्ण सहकारी को पूरा पैसा दिया गया और पैसा उन्हें मिलता रहा।”
.@SmritiIrani illegally used her MPLAD fund in violation of the guidelines for their use. Moreover @SmritiIrani and her staff insisted and coerced official into to awarding contracts to one Sharda Majoor Kamdar Sahkari Mandli… 2/n
— Amit Chavda (@AmitChavdaINC) June 2, 2018
चावड़ा ने एक ट्वीट में बताया- ”मैंने गुजरात हाईकोर्ट में 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी और शक्ति और धन के भारी दुरुपयोग को प्रकाश में लाया था।” एक और ट्वीट में चावड़ा ने लिखा- ”आज मैं यह देखकर खुश हूं कि आणंद के जिला कलेक्टर ने स्मृति ईरानी के प्रतिनिधि, शारदा मजूर कामदार सहकारी मंडली तो 18 फीसदी सालाना ब्याज के साथ 4.8 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है।”